नवीनतम लेख

मै चाहूं सदा दर तेरे आना (Main Chahu Sada Dar Tere Aana)

मैं चाहूँ सदा दर तेरे आना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए,

तेरा दर ही तो सबका ठिकाना,

तेरा दर ही तो सबका ठिकाना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए,

मै चाहूं सदा दर तेरे आना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए ॥


तेरी चोखट शीश झुकाना,

आस है तेरा दर्शन पाना,

कभी तू भी मेरे घर आना जाना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए,

मै चाहूं सदा दर तेरे आना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए ॥


करता रहूँ मैं सुमिरण तेरा,

कोई नहीं इस जग में मेरा,

कट जाए चौरासी वाला फेरा,

तू यूँ ही बुलाना दातिए,

मै चाहूं सदा दर तेरे आना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए ॥


तेरे चरणों में रम जाऊं,

और कहीं अब क्यों मैं जाऊं,

मैं तो बन गया तेरा माँ दीवाना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए,

मै चाहूं सदा दर तेरे आना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए ॥


‘शान’ पे नजरे तेरी निगाहें,

‘जीत’ की मैया थामो बाहें,

अपने ‘योगी’ को चरणों से लगाना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए,

मै चाहूं सदा दर तेरे आना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए ॥


मैं चाहूँ सदा दर तेरे आना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए,

तेरा दर ही तो सबका ठिकाना,

तेरा दर ही तो सबका ठिकाना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए,

मै चाहूं सदा दर तेरे आना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए ॥

कनक भवन दरवाजे पड़े रहो (Kanak Bhawan Darwaje Pade Raho)

प्रभु श्रीसीतारामजी काटो कठिन कलेश
कनक भवन के द्वार पे परयो दीन राजेश

रविवार व्रत कथा और महत्व

रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित होता है। सूर्यदेव को बेहद कल्याणकारी ग्रह माना गया है। ऐसे में रविवार के दिन किया जाने वाला व्रत अत्यंत फलदायी माना जाता है।

मासिक दुर्गाष्टमी व्रत कथा और महत्व

मासिक दुर्गाष्टमी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों में से एक है। यह व्रत हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा और व्रत किए जाते हैं।

माघ गुप्त नवरात्रि में क्या दान करें

सनातन हिंदू धर्म के वैदिक पंचांग के अनुसार, वर्तमान में माघ का पवित्र महीना चल रहा है। इस दौरान पड़ने वाली नवरात्रि को माघ गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है।

यह भी जाने