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मै चाहूं सदा दर तेरे आना (Main Chahu Sada Dar Tere Aana)

मैं चाहूँ सदा दर तेरे आना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए,

तेरा दर ही तो सबका ठिकाना,

तेरा दर ही तो सबका ठिकाना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए,

मै चाहूं सदा दर तेरे आना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए ॥


तेरी चोखट शीश झुकाना,

आस है तेरा दर्शन पाना,

कभी तू भी मेरे घर आना जाना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए,

मै चाहूं सदा दर तेरे आना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए ॥


करता रहूँ मैं सुमिरण तेरा,

कोई नहीं इस जग में मेरा,

कट जाए चौरासी वाला फेरा,

तू यूँ ही बुलाना दातिए,

मै चाहूं सदा दर तेरे आना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए ॥


तेरे चरणों में रम जाऊं,

और कहीं अब क्यों मैं जाऊं,

मैं तो बन गया तेरा माँ दीवाना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए,

मै चाहूं सदा दर तेरे आना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए ॥


‘शान’ पे नजरे तेरी निगाहें,

‘जीत’ की मैया थामो बाहें,

अपने ‘योगी’ को चरणों से लगाना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए,

मै चाहूं सदा दर तेरे आना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए ॥


मैं चाहूँ सदा दर तेरे आना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए,

तेरा दर ही तो सबका ठिकाना,

तेरा दर ही तो सबका ठिकाना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए,

मै चाहूं सदा दर तेरे आना,

तू यूँ ही बुलाना दातिए ॥

हे माँ मुझको ऐसा घर दे(He Maa Mujhko Aisa Ghar De)

हे माँ मुझको ऐसा घर दे, जिसमे तुम्हारा मंदिर हो,
ज्योत जगे दिन रैन तुम्हारी, तुम मंदिर के अन्दर हो।

श्रीमन नारायण नारायण हरी हरी.(Shri Man Narayan Narayan Hari Hari)

श्रीमन नारायण नारायण हरी हरी
श्रीमन नारायण नारायण हरी हरी

स्कन्द षष्ठी व्रत की पूजा विधि

भगवान कार्तिकेय को सुब्रमण्यम, कार्तिकेयन, स्कंद और मुरुगन जैसे नामों से जाना जाता है। वे शक्ति और विजय के देवता हैं। उनकी आराधना से जीवन में सुख-समृद्धि, सफलता और सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है।

बसंत पंचमी के दिन क्या करें, क्या नहीं

बसंत पंचमी का पर्व जो कि माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है सनातन धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है। यह त्योहार ज्ञान और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की पूजा के लिए विशेष है जो कि वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक भी है।

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