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मैं हार गया जग से, अब तुमको पुकारा है (Main Haar Gaya Jag Se Ab Tumko Pukara Hai)

मैं हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है,

दुनिया से सुना है तू,

हारे का सहारा है,

हारे का सहारा है,

मै हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है ॥


मैं रात अमावस की,

तुम सुख का सवेरा हो,

तेरे बिन सुनता नहीं,

कोई दुःख मेरा हो,

कोई दुःख मेरा हो,

तू सुनता है सबकी,

मुझसे क्यों किनारा है,

दुनिया से सुना है तू,

हारे का सहारा है,

हारे का सहारा है,

मै हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है ॥


ये कैसा बंधन है,

ये कैसा नाता है,

हर पल तू यादों में,

आता और जाता है,

आता और जाता है,

तेरी सांवरी सूरत को,

अब मन में उतारा है,

दुनिया से सुना है तू,

हारे का सहारा है,

हारे का सहारा है,

मै हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है ॥


दुनिया की खा ठोकर,

दर तेरे आया हूँ,

सर पर अब हाथ धरो,

मैं बहुत सताया हूँ,

मैं बहुत सताया हूँ,

‘प्रवीण’ का तेरे बिन,

पलभर ना गुज़ारा है,

दुनिया से सुना है तू,

हारे का सहारा है,

हारे का सहारा है,

मै हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है ॥


मैं हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है,

दुनिया से सुना है तू,

हारे का सहारा है,

हारे का सहारा है,

मै हार गया जग से,

अब तुमको पुकारा है ॥

माँ का है जगराता, माँ को आज मनाएंगे(Maa Ka Hai Jagrata Maa Ko Aaj Manayenge)

माँ का है जगराता,
माँ को आज मनाएंगे,

मान अकबर का घटाया है (Maan Akbar Ka Ghataya Hain)

मां ज्वाला तेरी देवीय शक्ति, नमन करूं श्रीनायक।
मान भक्तों का बढ़ाया है रे, मान भक्तों का बढ़ाया है।

भोला शंकर बने मदारी (Bhola Shankar Bane Madari)

भोला शंकर बने मदारी,
डमरू दशरथ द्वार बजायो,

मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की - माँ संतोषी भजन (Main Toh Aarti Utaru Re Santoshi Mata Ki)

मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की ।
मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की ।