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मेरे सतगुरु दीन दयाल(Mere Satguru Den Dayal)

मेरे सतगुरु दीन दयाल,

मैं तेरा नाम जपा करूं,

गुरु रविदास महाराज,

मैं तेरा नाम जपा करूं,

जपा करूं, जपा करूं


ओ.. ओ औरों के तो चंदा-सूरज

मेरा उजाला तू

मैं तेरा नाम जपा करूं


मेरे सतगुरु दीन दयाल,

मैं तेरा नाम जपा करूं,

गुरु रविदास महाराज,

मैं तेरा नाम जपा करूं,

जपा करूं, जपा करूं


ओ.. ओ औरों के तो ब्रह्मा-विष्णु

मेरा ठाकुर तू

मैं तेरा नाम जपा करूं


मेरे सतगुरु दीन दयाल,

मैं तेरा नाम जपा करूं,

गुरु रविदास महाराज,

मैं तेरा नाम जपा करूं,

जपा करूं, जपा करूं

शिवशंकर जी की आरती

सत्य, सनातन, सुंदर, शिव! सबके स्वामी ।
अविकारी, अविनाशी, अज, अंतर्यामी ॥

काशी नगरी से, आए है शिव शम्भू - भजन (Kashi Nagri Se Aaye Hai Shiv Shambhu)

सुनके भक्तो की पुकार,
होके नंदी पे सवार,

गुरु पूर्णिमा की रोचक कथा

वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह पूर्णिमा तिथि आती है, और इस दिन व्रत का विधान होता है। हालांकि, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।

किसी के काम जो आये, उसे इन्सान कहते हैं (Kisi Ke Kam Jo Aaye Use Insan Kahte Hai)

किसी के काम जो आये,
उसे इन्सान कहते हैं ।

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