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हो लाल मेरी पत रखियो बला - दमादम मस्त कलन्दर (O Lal Meri Pat Rakhiyo Bala Duma Dum Mast Kalandar)

ओ हो, हो हो हो

हो लाल मेरी पत रखियो बला झूले लालण

ओ लाल मेरी पत रखियो बला झूले लालण

सिंदड़ी दा सेवण दा

सखी शाह बाज़ कलन्दर

दमादम मस्त कलन्दर

अली दम दम दे अन्दर

दमादम मस्त कलन्दर

अली दा पैला नम्बर

॥ हो लाल मेरी पत रखियो बला...॥


चार चराग़ तेरे बरण हमेशा॥ चार चराग़ तेरे...॥

पंजवा मैं बारण आई बला झूले लालण

हो पंजवा मैं

पंजवा मैं बारण आई बला झूले लालण


॥ सिंदड़ी दा सेवण दा...॥

॥ हो लाल मेरी पत रखियो बला...॥


हिंद सिंद पीरा तेरी नौबत बाजे॥ हिंद सिंद पीरा तेरी...॥

नाल बजे घड़ियाल बला झूले लालण

हो नाल बजे

नाल बजे घड़ियाल बला झूले लालण


॥ सिंदड़ी दा सेवण दा...॥

॥ हो लाल मेरी पत रखियो बला...॥


ओ हो

हर दम पीरा तेरी ख़ैर होवे॥ हर दम पीरा तेरी...॥

नाम-ए-अली बेड़ा पार लगा झूले लालण

हो नाम-ए-अली

नाम-ए-अली बेड़ा पार लगा झूले लालण


॥ सिंदड़ी दा सेवण दा...॥


हो लाल मेरी पत रखियो बला झूले लालण

ओ लाल मेरी पत रखियो बला झूले लालण

सिंदड़ी दा सेवण दा

सखी शाह बाज़ कलन्दर

दमादम मस्त कलन्दर

अली दम दम दे अन्दर

दमादम मस्त कलन्दर

अली दा पैला नम्बर

फाल्गुन मास की पौराणिक कथा

फाल्गुन’ का महीना हिंदू पंचांग का अंतिम महीना होता है। इस मास की पूर्णिमा फाल्गुनी नक्षत्र में होती है। जिस कारण इस महीने का नाम फाल्गुन पड़ा है। इस महीने को आनंद और उल्लास का महीना भी कहा जाता है।

चलती है सारी श्रष्टी, महाकाल के दर से (Chalti Hai Saari Srishti Mahakal Ke Dar Se)

चलती है सारी श्रष्टी,
महाकाल के दर से ॥

गोरी सुत गणराज पधारो (Gauri Sut Ganraj Padharo)

गौरी सूत गणराज पधारो,
आके सारे काज सवारों,

महाशिवरात्रि के व्रती इन चीजों का रखें ध्यान

महाशिवरात्रि का व्रत हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

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