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शिव भोले भंडारी, बम भोले औघड़दानी: भजन (Shiv Bhole Bhandari Bam Bhole Aughardani)

शिव भोले भंडारी,

बम भोले औघड़दानी,

भंडारी भोले भंडारी,

शिव भोला भंडारी,

बम भोले औघड़दानी ॥


तीनो लोक में नाम तेरो है,

नाम तेरो है भोला नाम तेरो है,

दर पे आते है नर नारी,

शिव भोला भंडारी,

शिव भोला भंडारी,

बम भोले औघड़दानी ॥


हे भूतेशर हे ममलेश्वर,

हे भूतेशर हे ममलेश्वर,

डमरू बजाए त्रिपुरारी,

शिव भोला भंडारी,

शिव भोला भंडारी,

बम भोले औघड़दानी ॥


ब्रम्हादिक मुनि तेरो यश गावे,

ब्रम्हादिक मुनि तेरो यश गावे,

पूजे दुनिया सारी,

शिव भोला भंडारी,

शिव भोला भंडारी,

बम भोले औघड़दानी ॥


शिव भोले भंडारी,

बम भोले औघड़दानी,

भंडारी भोले भंडारी,

शिव भोला भंडारी,

बम भोले औघड़दानी ॥


भक्तो के घर कभी आओ माँ (Bhakton Ke Ghar Kabhi Aao Ma)

भक्तो के घर कभी आओ माँ,
आओ माँ आओ माँ आओ माँ,

जगन्नाथ रथ यात्रा क्यों मानते हैं

सनातन धर्म में हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। इस यात्रा को रथ महोत्सव और गुंडिचा यात्रा के नाम से भी जाना जाता है।

जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया (Jail Main Prakate Krishn Kanhaiya)

जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है,

श्री रामदेव चालीसा (Shri Ramdev Chalisa)

जय जय जय प्रभु रामदे, नमो नमो हरबार।
लाज रखो तुम नन्द की, हरो पाप का भार।