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नमामि-नमामि अवध के दुलारे(Namami Namami Awadh Ke Dulare)

नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।

खड़ा हाथ बांधे मैं दर पर तुम्हारे ॥


न करता हूं भक्ति न जप योग साधन ।

कैसे कटेंगे यह माया के बंधन ॥

दुःखी दीन हो के यह मनवा पुकारे ॥


नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।

भंवर में पड़ी आ के नैया यह मेरी ।

सहारा न दूजा है इक आस तेरी ॥

तू बन के खिवैया लगा दे किनारे ॥

नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।


मैं कामी हूं क्रोधी हूं लोभी अवारा ।

लिया नाम दिल से कभी न तुम्हारा ॥

दया कर क्षमा कर तू बख्श बख्शन हारे ॥

नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।


बिनती यही है प्रभु के चरण में ।

आये हैं हम सब तुम्हारी शरण में ॥

करो दूर अवगुण जो होवें हमारे ॥

नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।

जया एकादशी व्रत नियम

प्रत्येक महीने में एकादशी दो बार आती है—एक बार कृष्ण पक्ष में और दूसरी बार शुक्ल पक्ष में। कृष्ण पक्ष की एकादशी पूर्णिमा के बाद आती है, जबकि शुक्ल पक्ष की एकादशी अमावस्या के बाद आती है।

उत्पन्ना एकादशी के जाप मंत्र

उत्पन्ना एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो भगवान विष्णु और एकादशी माता की पूजा के लिए समर्पित है।

चल चला चल ओ भगता (Chal Chala Chal O Bhagta)

चल चला चल ओ भगता,
चल चला चल ॥

आयेगा मेरा श्याम, लीले चढ़ करके (Aayega Mera Shyam. Lile Chadh Karke)

दिल से जयकारा बोलो,
संकट में कभी ना डोलो,