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रख लाज मेरी गणपति(Rakh Laaj Meri Ganpati)

रख लाज मेरी गणपति,

अपनी शरण में लीजिए ।

कर आज मंगल गणपति,

अपनी कृपा अब कीजिए ॥


रख लाज मेरी गणपति

रख लाज मेरी गणपति

सिद्धि विनायक दुःख हरण,

संताप हारी सुख करण ।


करूँ प्रार्थना मैं नित्त प्रति,

वरदान मंगल दीजिए ॥


रख लाज मेरी गणपति,

अपनी शरण में लीजिए।

कर आज मंगल गणपति,

अपनी कृपा अब कीजिए ॥

रख लाज मेरी गणपति


तेरी दया, तेरी कृपा,

हे नाथ हम मांगे सदा ।

तेरे ध्यान में खोवे मति,

प्रणाम मम अब लीजिए ॥


रख लाज मेरी गणपति,

अपनी शरण में लीजिए ।

कर आज मंगल गणपति,

अपनी कृपा अब कीजिए ॥

रख लाज मेरी गणपति


करते प्रथम तव वंदना,

तेरा नाम है दुःख भंजना ।

करना प्रभु मेरी शुभ गति,

अब तो शरण मे लीजिए ॥


रख लाज मेरी गणपति,

अपनी शरण में लीजिए।

कर आज मंगल गणपति,

अपनी कृपा अब कीजिए ॥


रख लाज मेरी गणपति

रख लाज मेरी गणपति

हर सांस मे हो सुमिरन तेरा (Har Saans Me Ho Sumiran Tera)

हर सांस मे हो सुमिरन तेरा,
यु बित जाये जीवन मेरा,

पापमोचनी एकादशी पर तुलसी पूजन कैसे करें

पापमोचनी एकादशी भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित है जो चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यह उपवास सभी पापों से छुटकारा पाने और मोक्ष प्राप्त करने के लिये रखा जाता है।

हे पुरुषोत्तम श्रीराम, करूणानिधान भगवान (Hai Purushottam Shri Ram Karuna Nidhan Bhagwan)

हे पुरुषोत्तम श्रीराम,
करूणानिधान भगवान ॥

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