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सबसे पहला मनावा, थाने देवा रा सरदार (Sabse Pahle Manaba Thane Deva Ra Sardar)

सबसे पहला मनावा,

थाने देवा रा सरदार,

रणत भवन सु आप पधारो,

हो रही जय जयकार,

सबसु पहला मनावा,

थाने देवा रा सरदार ॥


शंकर सूत थाने दुनिया है ध्यावे,

गिरजा भवानी थाने लाड़ है लड़ावे,

मूसे चढ़कर आओ,

थारी खूब करा मनुहार,

रणत भवन सु आप पधारो,

हो रही जय जयकार,

सबसु पहला मनावा,

थाने देवा रा सरदार ॥


दुंद दुन्दाला थे हो सूंड सुंडाला,

थारे गले में सोवे मोतियन माला,

पीताम्बर वस्त्रां रो,

थे खूब करो श्रृंगार,

रणत भवन सु आप पधारो,

हो रही जय जयकार,

सबसु पहला मनावा,

थाने देवा रा सरदार ॥


लड्डुवन रो बाबा थाने भोग लगावा,

तिलक लगावा मीठा भजन सुनावा,

दयावन्त वरदायक,

हे विनायक महाराज,

रणत भवन सु आप पधारो,

हो रही जय जयकार,

सबसु पहला मनावा,

थाने देवा रा सरदार ॥


खाता बया में थारो नाम है लिखीजे,

शादी विवाह में थाने प्रथम नुतीजे,

‘विमल’ थारा गुण गावे,

थे खूब भरो भंडार,

रणत भवन सु आप पधारो,

हो रही जय जयकार,

सबसु पहला मनावा,

थाने देवा रा सरदार ॥


सबसे पहला मनावा,

थाने देवा रा सरदार,

रणत भवन सु आप पधारो,

हो रही जय जयकार,

सबसु पहला मनावा,

थाने देवा रा सरदार ॥

संसार का सारा सुख केवल, श्री राम तुम्हारे चरणों में(Sansar Ka Sara Sukh Keval Shree Ram Tumhare Charno Mein)

संसार का सारा सुख केवल,
श्री राम तुम्हारे चरणों में,

गजानंद वन्दन करते है (Gajanand Vandan Karte Hain)

गजानंद वंदन करते है ॥
आज सभा में स्वागत है,

श्री शिवरामाष्टकस्तोत्रम्

शिवहरे शिवराम सखे प्रभो,त्रिविधताप-निवारण हे विभो।
अज जनेश्वर यादव पाहि मां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥

कार्तिगाई दीपम उत्सव के शुभ मुहूर्त

दक्षिण भारत में मनाया जाने वाला कार्तिगाई दीपम उत्सव एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार है, जो भगवान कार्तिकेय को समर्पित है।

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