नवीनतम लेख

सदाशिव सर्व वरदाता, दिगम्बर हो तो ऐसा हो (Sada Shiv Sarva Var Data Digamber Ho To Aisa Ho)

सदाशिव सर्व वरदाता,

दिगम्बर हो तो ऐसा हो ।

हरे सब दुःख भक्तों के,

दयाकर हो तो ऐसा हो ॥


शिखर कैलाश के ऊपर,

कल्पतरुओं की छाया में ।

रमे नित संग गिरिजा के,

रमणधर हो तो ऐसा हो ॥


सदाशिव सर्व वरदाता,

दिगम्बर हो तो ऐसा हो ।


शीश पर गंग की धारा,

सुहाए भाल पर लोचन ।

कला मस्तक पे चन्दा की,

मनोहर हो तो ऐसा हो ॥


सदाशिव सर्व वरदाता,

दिगम्बर हो तो ऐसा हो ।


भयंकर जहर जब निकला,

क्षीरसागर के मंथन से ।

रखा सब कण्ठ में पीकर,

कि विषधर हो तो ऐसा हो ॥


सदाशिव सर्व वरदाता,

दिगम्बर हो तो ऐसा हो ।


सिरों को काटकर अपने,

किया जब होम रावण ने ।

दिया सब राज दुनियाँ का,

दिलावर हो तो ऐसा हो ॥


सदाशिव सर्व वरदाता,

दिगम्बर हो तो ऐसा हो ।


बनाए बीच सागर के,

तीन पुर दैत्य सेना ने ।

उड़ाए एक ही शर से,

त्रिपुरहर हो तो ऐसा हो ॥


सदाशिव सर्व वरदाता,

दिगम्बर हो तो ऐसा हो ।


देवगण दैत्य नर सारे,

जपें नित नाम शंकर जो,

वो ब्रह्मानन्द दुनियाँ में,

उजागर हो तो ऐसा हो ॥


सदाशिव सर्व वरदाता,

दिगम्बर हो तो ऐसा हो ।

हरे सब दुःख भक्तों के,

दयाकर हो तो ऐसा हो ॥


दे दो अपनी पुजारन को वरदान माँ(Dedo Apni Pujarin Ko Vardan Maa)

दे दो अपनी पुजारन को वरदान माँ,
मैया जब तक जियु मैं सुहागन जियु,

चलो मन गंगा जमुना तीर (Chalo Man Ganga Yamuna Teer)

चलो मन गंगा जमुना तीर,
चलो मन गंगा जमुना तीर,

श्री विश्वकर्मा चालीसा (Shri Vishwakarma Chalisa)

श्री विश्वकर्म प्रभु वन्दऊं, चरणकमल धरिध्यान।
श्री, शुभ, बल अरु शिल्पगुण, दीजै दया निधान॥

कब मनाई जाएगी मासिक कृष्ण जन्माष्टमी

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। भक्त अपने घरों में श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करते हैं।