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सीता राम दरस रस बरसे(Sita Ram Daras Ras Barse Jese Savan Ki Jhadi)

चहुं दिशि बरसें राम रस,

छायों हरस अपार,

राजा रानी की करे,

सब मिल जय जयकार ।


कौशल नंदन राजा राम,

जानकी वल्लभ राजा राम,

जय सियाराम जय जय सियाराम ।


ऐसे राम दरश रस बरसें,

जैसे सावन की झड़ी,

सीता राम दरश रस बरसें,

जैसे सावन की झड़ी,

सावन की झड़ी,

प्यासे प्राणों पे पड़ी,

ऐसे राम दरश रस बरसें,

जैसे सावन की झड़ी ॥


राम-लखन अनमोल नगीने,

अवध अँगूठी में जड़ दीने,

राम लखन अनमोल नगीने,

अवध अँगूठी में जड़ दीने,

सीता ऐसे सोहे, जैसे मोती की लड़ी,

सीता राम दरश रस बरसें,

जैसे सावन की झड़ी ॥


राम-सिया को रुप निहारी,

नाचे गावे सब नर नारी,

रामसिया को रुप निहारी,

नाचे गावे सब नर नारी,

चल री दर्शन कर आवै,

का सोचत खड़ी,

सीता राम दरश रस बरसें,

जैसे सावन की झड़ी ॥


कौशल नंदन राजा राम,

जानकी वल्लभ राजा राम,

जय सियाराम जय जय सियाराम ।

सियाराम सियाराम, सियाराम सियाराम ।


रोम-रोम को नैन बना लो,

रामसिया के दर्शन पालो,

रोम रोम को नैन बना लो,

राम-सिया के दर्शन पालो,

बरसों पीछे आयी है ये मिलन की घड़ी,

सीता राम दरश रस बरसें,

जैसे सावन की झड़ी ॥


कौशल नंदन राजा राम,

जानकी वल्लभ राजा राम,

जय सियाराम जय जय सियाराम ।

सियाराम सियाराम, सियाराम सियाराम ।


ऐसे राम दरश रस बरसें,

जैसे सावन की झड़ी,

सीताराम दरश रस बरसें,

जैसे सावन की झड़ी,

सावन की झड़ी,

प्यासे प्राणों पे पड़ी,

ऐसे राम दरश रस बरसें,

जैसे सावन की झड़ी ॥


कौशल नंदन राजा राम,

जानकी वल्लभ राजा राम,

जय सियाराम जय जय सियाराम ।

माघ माह में कैसे करें गंगा स्नान?

हिंदू धर्म में माघ माह का विशेष महत्व है। इस साल 14 जनवरी से माघ माह शुरू हो रहा है। माघ माह कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि के पहले दिन से शुरू होकर माघ पूर्णिमा तक चलता है।

नौ दिन का त्यौहार है आया (Nau Din Ka Tyohaar Hai Aaya)

नौ दिन का त्यौहार है आया,
ध्यान करो माँ नवदुर्गा का,

मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल सखी री बड़ो प्यारो है (Mero Choto So Laddu Gopal Sakhi Ri Bado Pyaro Hai)

मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,
सखी री बड़ो प्यारो है।

बाँधा था द्रौपदी ने तुम्हे (Bandha Tha Draupadi Ne Tumhe Char Taar Main)

बाँधा था द्रौपदी ने तुम्हे,
चार तार में ।