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तेरे मन में राम, तन में राम (Tere Mann Mein Ram Tan Mein Ram)

तेरे मन में राम,

तन में राम ॥


दोहा – राम नाम की लूट है,

लूट सके तो लूट,

अंत काल पछतायेगा,

जब प्राण जायेंगे छूट ॥


तेरे मन में राम,

तन में राम,

रोम रोम में राम रे,

राम सुमीर ले,

ध्यान लगा ले,

छोड़ जगत के काम रे,

बोलो राम बोलो राम,

बोलो राम राम राम ॥


माया में तु उलझा उलझा,

दर दर धुल उड़ाए,

अब क्यों करता मन भारी जब,

माया साथ छुड़ाए,

दिन तो बीता दौड़ धुप में,

ढल जाए ना शाम रे,

बोलो राम बोलो राम,

बोलो राम राम राम ॥


तन के भीतर पांच लुटेरे,

डाल रहे है डेरा,

काम क्रोध मद लोभ मोह ने,

तुझको ऐसा घेरा।

भुल गया तू राम रटन,

भूला पूजा का काम रे,

बोलो राम बोलो राम,

बोलो राम राम राम ॥


बचपन बीता खेल खेल में,

भरी जवानी सोया,

देख बुढापा अब क्यों सोचे,

क्या पाया क्या खोया,

देर नहीं है अब भी बन्दे,

ले ले उस का नाम रे,

बोलो राम बोलो राम,

बोलो राम राम राम ॥


तेरे मन में राम,

तन में राम,

रोम रोम में राम रे,

राम सुमीर ले,

ध्यान लगा ले,

छोड़ जगत के काम रे,

बोलो राम बोलो राम,

बोलो राम राम राम ॥


भोले ओ भोले आया दर पे (Bhole O Bhole Aaya Dar Pe)

भोले ओ भोले आया दर पे,
मेरे सिर पे,

माघ माह में स्नान का क्या है धार्मिक महत्व

माघ का महीना हिंदू धर्म में पवित्र महीनों में से एक माना जाता है। इस महीने में स्नान करने का विशेष महत्व है, जिसे माघ स्नान कहते हैं। मान्यता है कि माघ महीने में देवता पृथ्वी पर आते हैं और पवित्र नदियों में स्नान करते हैं।

मेरी लगी शंभू से प्रीत, ये दुनिया क्या जाने(Meri Lagi Shambhu Se Preet Ye Duniya Kya Jane)

मेरी लगी शंभू से प्रीत,
ये दुनिया क्या जाने,

सच्चे मन से माँ की, ज्योत तुम जगाओ (Sacche Man Se Maa Ki Jyot Tum Jagao)

सच्चे मन से माँ की,
ज्योत तुम जगाओ,