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ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियां (Thumak Chalat Ramchandra)

ठुमक चलत रामचंद्र,

ठुमक चलत रामचंद्र,

बाजत पैंजनियां,

ठुमक चलत रामचंद्र,

बाजत पैंजनियां,

ठुमक चलत रामचंद्र


किलकि-किलकि उठत धाय

किलकि-किलकि उठत धाय,

गिरत भूमि लटपटाय

धाय मात गोद लेत,

दशरथ की रनियां


ठुमक चलत रामचंद्र,

बाजत पैंजनियां

ठुमक चलत रामचंद्र..


अंचल रज अंग झारि

अंचल रज अंग झारि,

विविध भांति सो दुलारि

विविध भांति सो दुलारि

तन मन धन वारि-वारि,

तन मन धन वारि

तन मन धन वारि-वारि,

कहत मृदु बचनियां


ठुमक चलत रामचंद्र,

बाजत पैंजनियां

ठुमक चलत रामचंद्र..


विद्रुम से अरुण अधर

विद्रुम से अरुण अधर,

बोलत मुख मधुर-मधुर

बोलत मुख मधुर-मधुर

सुभग नासिका में चारु,

लटकत लटकनियां


ठुमक चलत रामचंद्र,

बाजत पैंजनियां,

ठुमक चलत रामचंद्र..


तुलसीदास अति आनंद

तुलसीदास अति आनंद,

देख के मुखारविंद

देख के मुखारविंद

रघुवर छबि के समान

रघुवर छबि के समान,

रघुवर छबि बनियां


ठुमक चलत रामचंद्र

ठुमक चलत रामचंद्र,

बाजत पैंजनियां

ठुमक चलत रामचंद्र

कालाष्टमी कब मनाई जाएगी

सनातन धर्म में कालाष्टमी का विशेष महत्व है। इसे भगवान काल भैरव की उपासना का दिन माना जाता है। इस दिन व्रत रखने और विशेष पूजा करने से साधकों को शक्ति, सुरक्षा और समृद्धि प्राप्त होती है।

सूर्य प्रार्थना

प्रातः स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यं रूपं हि मंडलमृचोऽथ तनुर्यजूंषि।
सामानि यस्य किरणाः प्रभवादिहेतुं ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम् ॥

काल भैरव की कथा

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है। इस दिन तंत्र-मंत्र के देवता काल भैरव की पूजा की जाती है, जो भगवान शिव के रौद्र रूप हैं।

मैया ना भुलाना, हमको (Maiya Na Bhulana Humko )

मैया ना भुलाना,
हमको ना भुलाना,