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भोले बाबा की निकली बारात है (Bhole Baba Ki Nikli Baraat Hai)

भोले बाबा का ये दर,

भक्तों का बन गया है घर,

बाबा की महिमा न्यारी,

है तू सबका हितकारी,

देखो लोग हजारों रोज,

यहां पर आते हैं,

अपने प्यारे महाकाल,

का दर्शन पाते हैं ॥


उज्जैन में बाबा जी ने,

डेरा लगाया है,

बाबा के भक्तों ने यहां,

मेला लगाया है,

उज्जैन की महिमा न्यारी,

गाती यह दुनिया सारी,

माँ शिप्रा में नहाके,

सब दर्शन करने आते,

जयकारा बम बम,

भोले नाथ लगाते हैं,

अपने प्यारे महाकाल,

का दर्शन पाते हैं ॥


बाबा के दर पे जिसने,

अर्जी लगाई है,

भक्तों की बाबा ने सदा,

बिगड़ी बनाई है,

बाबा सबकी इच्छाएं,

पल भर में पूरी करते,

सुख संपति दे भक्तों को,

भक्तों के दुख हैं हरते,

जो बाबा जी की चरण,

शरण में आते हैं,

अपने प्यारे महाकाल,

का दर्शन पाते हैं ॥


भोले बाबा का ये दर,

भक्तों का बन गया है घर,

बाबा की महिमा न्यारी,

है तू सबका हितकारी,

देखो लोग हजारों रोज,

यहां पर आते हैं,

अपने प्यारे महाकाल,

का दर्शन पाते हैं ॥


रूक्मिणी-श्रीकृष्ण के विवाह से जुड़ी कथा

पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है, जो इस साल 22 दिसंबर को पड़ रही है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण की पहली पत्नी देवी रुक्मिणी के जन्म की याद में मनाया जाता है।

दादी के दरबार की, महिमा अपरम्पार (Dadi Ke Darbar Ki Mahima Aprampaar)

दादी के दरबार की,
महिमा अपरम्पार,

हम सब बोलेंगें हैप्पी बर्थ डे टू यू श्याम (Hum Sab Bolenge Happy Birthday To You Shyam)

रंगी गुब्बारो से मंडप सजाया है,
मिशरी मावे का एक केक मंगाया है,

मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार (Mere Banke Bihari Lal Tu Itna Na Nario Shringar)

मेरे बांके बिहारी लाल,
तू इतना ना करिओ श्रृंगार,

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