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वृन्दावन के ओ बांके बिहारी (Vrindavan Ke O Banke Bihari )

वृन्दावन के ओ बांके बिहारी,

हमसे पर्दा करो ना मुरारी ॥


हम तुम्हारे पराये नही है,

गैर के दर पे आये नहीं है,

हम तुम्हारे पुराने पुजारी,

हम तुम्हारे पुराने पुजारी,

हमसे पर्दा करो ना मुरारी,

वृन्दावन के ओ बांके बिहारी ॥


हरिदास के राज दुलारे,

नन्द यशोदा की आँखों के तारे,

राधा जू के सांवरे गिरधारी,

राधा जू के सांवरे गिरधारी,

हमसे पर्दा करो ना मुरारी,

वृन्दावन के ओ बांके बिहारी ॥


बंद कमरों में रुक ना सकोगे,

लाख पर्दो में छुप ना सकोगे,

तुमको हर ओर हम है व्यापारी,

तुमको हर ओर हम है व्यापारी,

हमसे पर्दा करो ना मुरारी,

वृन्दावन के ओ बांके बिहारी ॥


वृन्दावन के ओ बांके बिहारी,

हमसे पर्दा करो ना मुरारी ॥

वृंदावन जाने को जी चाहता है (Vrindavan Jane Ko Jee Chahta Hai)

वृंदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है ।

माधो हम ऐसे, तू ऐसा - शब्द कीर्तन (Madho Hum Aise Tu Aisa)

हम पापी तुम पाप खंडन
नीको ठाकुर देसा

विवाह पंचमी पर क्यों होती है केले की पूजा

विवाह पंचमी पर केले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन अयोध्या और जनकपुर में विशेष उत्सव और शोभा यात्राएं निकाली जाती हैं।

कई जन्मों से बुला रही हूँ (Kai Janmo Se Bula Rahi Hun)

कई जन्मों से बुला रही हूँ,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा,

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