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तीनो लोको में भोले के जैसा: भजन (Tino Loko Mein Bhole Ke Jaisa)

तीनो लोको में भोले के जैसा ॥


दोहा – बात सदियों से,

मशहूर है ज़माने में,

एक पल लगता है,

महादेव को मनाने में।

जिसने भोला कहा,

भर भर के ले गया झोली,

रखा छुपा के ना,

भोले ने कुछ खजाने में ॥


तीनों लोको में भोले के जैसा,

दूसरा कोई दानी नहीं है,

कौन सा भक्त है बात उसकी,

मेरे भोले ने मानी नहीं है,

तीनों लोको में भोले के जैसा,

दूसरा कोई दानी नहीं है ॥


बात सच्ची है करना ना शंका,

दे दी रावण को सोने की लंका,

वेद ग्रंथो में लिखा हुआ है,

कोई झूठी कहानी नहीं है,

तीनों लोको में भोले के जैसा,

दूसरा कोई दानी नहीं है ॥


फेरी देवों ने जब शिव की माला,

देके अमृत पिया विष का प्याला,

किसको भोले ने क्या क्या दिया है,

बात कोई छुपानी नहीं है,

तीनों लोको में भोले के जैसा,

दूसरा कोई दानी नहीं है ॥


पाप धोने थे सारे जहां के,

शिव ने गंगा हमें दे दी लाके,

शिव की करुणा भी इस में मिली है,

गंगा अमृत है पानी नहीं है,

तीनों लोको में भोले के जैसा,

दूसरा कोई दानी नहीं है ॥


तीनो लोको में भोले के जैसा,

दूसरा कोई दानी नहीं है,

कौन सा भक्त है बात उसकी,

मेरे भोले ने मानी नहीं है,

तीनों लोको में भोले के जैसा,

दूसरा कोई दानी नहीं है ॥

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