नवीनतम लेख

आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको ( (Aali Ri Mohe Lage Vrindavan Neeko)

लागे वृन्दावन नीको,

सखी मोहे लागे वृन्दावन नीको।

लागे वृन्दावन नीको,

आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको।

आली मन लागे वृन्दावन नीको।


घर घर तुलसी ठाकुर सेवा,

दर्शन गोविन्द जी को,

आली मन लागे वृन्दावन नीको।


निर्मल नीर बहे जमुना को,

भोजन दूध दही को,

आली मन लागे वृन्दावन नीको।


रतन सिंघासन आप विराजे,

मुकुट धरो तुलसी को,

आली मन लागे वृन्दावन नीको।


कुंजन कुंजन फिरत राधिका,

शबद सुनत मुरली को,

आली मन लागे वृन्दावन नीको।


मीरा के प्रभु गिरधर नागर,

भजन बिना नरभी को,

आली मन लागे वृन्दावन नीको।


इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी(Ik Din Vo Bhole Bhandari Banke Braj Ki Nari)

इक दिन वो भोले भंडारी
बन करके ब्रज की नारी,

होलिका दहन पूजा विधि

होली का त्योहार एकता, आनंद और परंपराओं का एक भव्य उत्सव है। इसलिए, इसकी धूम पूरी दुनिया में है। दिवाली के बाद यह दूसरे सबसे महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में जाना जाता है।

जिस ओर नजर फेरूं दादी, चहुँ ओर नजारा तेरा है (Jis Aur Nazar Ferun Dadi Chahun Aur Nazara Tera Hai)

जिस ओर नजर फेरूं दादी,
चहुँ ओर नजारा तेरा है,

भजामि शंकराये नमामि शंकराये (Bhajami Shankaraye Namami Shankaraye)

भजामि शंकराये नमामि शंकराये,
त्रिलोचनाये शूलपाणी चंद्र शेखराये,

यह भी जाने