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षष्ठांशां प्रकृते: शुद्धां सुप्रतिष्ठाण्च सुव्रताम्।
सुपुत्रदां च शुभदां दयारूपां जगत्प्रसूम्।।
श्वेतचम्पकवर्णाभां रत्नभूषणभूषिताम्।
पवित्ररुपां परमां देवसेनां परां भजे।।
हर वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन जानकी जयंती मनाई जाती है। यह दिन भगवान राम की पत्नी मां सीता के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
जपता फिरूं मैं नाम तुम्हारा, हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा,
सत नाम का सुमिरन कर ले, कल जाने क्या होय,
दरबार में हर रंग के दीवाने मिलेंगे, ( दरबार में हर रंग के दीवाने मिलेंगे,)