हर देश में तू, हर भेष में तू - प्रार्थना (Har Desh Me Tu Har Bhesh Me Tu)

हर देश में तू, हर भेष में तू,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।

तेरी रंगभूमि, यह विश्व भरा,

सब खेल में, मेल में तू ही तो है ॥


सागर से उठा बादल बनके,

बादल से फटा जल हो करके ।

फिर नहर बना नदियाँ गहरी,

तेरे भिन्न प्रकार, तू एक ही है ॥


हर देश में तू, हर भेष में तू,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।


चींटी से भी अणु-परमाणु बना,

सब जीव-जगत् का रूप लिया ।

कहीं पर्वत-वृक्ष विशाल बना,

सौंदर्य तेरा, तू एक ही है ॥


हर देश में तू, हर भेष में तू,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।


यह दिव्य दिखाया है जिसने,

वह है गुरुदेव की पूर्ण दया ।

तुकड़या कहे कोई न और दिखा,

बस मैं अरु तू सब एकही है ॥


हर देश में तू, हर भेष में तू,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।

तेरी रंगभूमि, यह विश्व भरा,

सब खेल में, मेल में तू ही तो है ॥

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डिम डिम डमरू बजावेला हामार जोगिया(Dim Dim Damroo Bajavela Hamar Jogiya)

डिम डिम डमरू बजावेला हामार जोगिया
हे हमार जोगिया हो हमार जोगिया

संकट के साथी को हनुमान कहते हैं(Sankat Ke Sathi Ko Hanuman Kahate Hain)

दुनिया के मालिक को भगवान कहते हैं
संकट के साथी को हनुमान कहते हैं॥

रंग पंचमी पर इन मंत्रों का करें जाप

रंग पंचमी चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व होली के ठीक पाँच दिन बाद आता है और इसमें रंगों के माध्यम से देवी-देवताओं की आराधना की जाती है।

राजीव लोचन राम, आज अपने घर आए (Rajiv Lochan Ram Aaj Apne Ghar Aaye)

राजीव लोचन राम,
आज अपने घर आए,

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