हर देश में तू, हर भेष में तू - प्रार्थना (Har Desh Me Tu Har Bhesh Me Tu)

हर देश में तू, हर भेष में तू,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।

तेरी रंगभूमि, यह विश्व भरा,

सब खेल में, मेल में तू ही तो है ॥


सागर से उठा बादल बनके,

बादल से फटा जल हो करके ।

फिर नहर बना नदियाँ गहरी,

तेरे भिन्न प्रकार, तू एक ही है ॥


हर देश में तू, हर भेष में तू,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।


चींटी से भी अणु-परमाणु बना,

सब जीव-जगत् का रूप लिया ।

कहीं पर्वत-वृक्ष विशाल बना,

सौंदर्य तेरा, तू एक ही है ॥


हर देश में तू, हर भेष में तू,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।


यह दिव्य दिखाया है जिसने,

वह है गुरुदेव की पूर्ण दया ।

तुकड़या कहे कोई न और दिखा,

बस मैं अरु तू सब एकही है ॥


हर देश में तू, हर भेष में तू,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।

तेरी रंगभूमि, यह विश्व भरा,

सब खेल में, मेल में तू ही तो है ॥

........................................................................................................
भगवान राम और माता शबरी की भेंट

माता शबरी रामायण की एक महत्वपूर्ण पात्र हैं, जिन्होंने भगवान राम की भक्ति में अपना जीवन समर्पित किया था। शबरी ने भगवान राम और माता सीता की प्रतीक्षा में वर्षों तक वन में निवास किया था।

रंगीलो मेरो बनवारी(Rangilo Mero Banwari)

मोहिनी मूरत प्यारी,
रंगीलो मेरो बनवारी,

कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि

दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष धार्मिक महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

आ लौट के आजा हनुमान (Bhajan: Aa Laut Ke Aaja Hanuman)

आ लौट के आजा हनुमान,
तुम्हे श्री राम बुलाते हैं ।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।