रामजी की सेना चली (Ram Ji Ki Sena Chali)

हर हर महादेव, हर हर महादेव,

जय भवानी, जय भवानी,

जय भवानी, जय भवानी,

पापियो के नाश को,

धर्म के प्रकाश को,

श्री रामजी की सेना चली,

रामजी की सेना चली ॥


पाप अनाचार में,

घोर अंधकार में,

एक नई ज्योति जली,

श्री राम जी की सेना चली,

रामजी की सेना चली ॥


निशिचर हीन करेंगे धरती,

यह प्रण है श्री राम का,

जब तक काम न पूरण होगा,

नाम नही विश्राम का,

उसे मिटानें चलें की जिसका,

मंत्र वयम रक्षाम का,

समय आ गया निकट राम और,

रावण के संग्राम का,

तीनो लोक धन्य है,

देवता प्रसन्न है,

तीनो लोक धन्य है,

देवता प्रसन्न है,

आज मनोकामना फली,

श्री राम जी की सेना चली,

रामजी की सेना चली ॥


रामचन्द्र जी के संग लक्ष्मण,

कर में लेकर बाण चले,

लिए विजय विश्वास ह्रदय में,

संग वीर हनुमान चले,

सेना संग सुग्रीव, नील, नल,

अंगद छाती तान चले,

उसे बचाए कौन के जिसका,

वध करने भगवान चले,

आगे रघुनाथ है,

वीर साथ साथ है,

एक से एक बलि,

श्री रामजी की सेना चली,

रामजी की सेना चली ॥


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लिङ्गाष्टकम् (Lingashtakam)

ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् । जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥१॥

ममतामयी मां हे जगदम्बे (Mamatamayi Ma He Jagadambe)

ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।
(ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।)

मासिक दुर्गाष्टमी उपाय

मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। सनातन धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का एक विशेष महत्व है, यह दिन मां दुर्गा की पूजा-अर्चना का होता है।

तुमको तुम्हारे बेटे पुकारे (Tumko Tumhare Bete Pukare)

तुमको तुम्हारे बेटे पुकारे,
आ जाओ मैया घर में हमारे ॥

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