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नववर्ष 2025 कुछ ही घंटे में शुरू होने वाला है। नए साल की शुरुआत भगवान के आशीर्वाद के साथ हो तो इससे ज्यादा शुभ कुछ नहीं हो सकता। सनातन धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। ऐसे में जो लोग नए साल के पहले दिन पूजा-पाठ करने जा रहे हैं। उन्हें कुछ विशेष बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। क्योंकि पूजा-पाठ से जुड़ी गलतियां व्यक्ति को परेशानी में डाल सकती हैं। ज्योतिष अनुसार पूजा के कुछ नियम होते हैं अगर पूजा के समय इन बातों का ध्यान रखा जाए, तो पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है। आइए जानें।
लगभग सभी घरों में पूजा का एक अलग स्थान होता है। घर में स्थित मंदिर या पूजा स्थल हमेशा ईशान कोण उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। मान्यता है कि ये दिशा भगवान के मंदिर के लिए सबसे शुभ मानी जाती है। ऐसा करने से जीवन में कई सकारात्मक बदलाव आते हैं और पूजा का फल प्राप्त होता है। वहीं, अगर पूजा घर दक्षिण-पश्चिम दिशा में है तो पूजा का फल कम मिलता है।
पूजा के समय इस बात का ध्यान रखें कि पूजा कभी भी जमीन पर बैठकर न करें। ऐसा करने से पूजा का फल प्राप्त होता है और नकारात्मक प्रभाव दूर रहता है। ऐसी मान्यता है कि बिना आसन पर बैठे पूजा करने से दरिद्रता आती है। इसलिए पूजा के समय साफ-सुथरे आसन का इस्तेमाल करें।
भगवान विष्णु, गणेश, महादेव, सूर्य देव और देवी दुर्गा को पंचदेव कहा जाता है। ऐसे में नववर्ष के शुभ अवसर पर पूजा करते समय इन पंचदेवों का विशेष ध्यान करें। ऐसा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और भगवान की कृपा प्राप्ति होती है।
1. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
यह महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव शंकर को प्रसन्न करने वाला खास मंत्र है। इस मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद से लेकर यजुर्वेद तक में मिलता है। कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति भयमुक्त, रोगमुक्त जीवन चाहता है और अकाल मृत्यु के डर से खुद को दूर करना चाहता है, तो उसे इस ‘महामृत्युंजय मंत्र’ का जाप अवश्य करना चाहिए।
2. त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव बन्धुश च सखा त्वमेव।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव, त्वमेव सर्वं मम देवा देवा।।
भगवान विष्णु त्रिदेवों में से एक हैं, जिनकी पूजा दुनिया भर में भक्त करते हैं। जगत के पालनहार भगवान विष्णु को आप प्रसन्न करना चाहते हैं तो उनके इन मंत्रों का उच्चारण जरूर कीजिए। आप देखेंगे कि ऐसा करने से आपके जीवन में परेशानियां कम हो जाएगी और आप समृद्धि की ओर आगे बढ़ेंगे।
3. ॥ ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥
भगवान गणेश की पूजा में इस विशेष मंत्र के जाप से बाधाएं दूर होती हैं और सर्व कार्य में सिद्धि प्राप्त होती है। इस मंत्र के जाप से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
4. 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै'
इस मन्त्र को नवार्ण मंत्र भी कहा जाता है। इस मन्त्र के जाप से महासरस्वती, महाकाली तथा महालक्ष्मी माता की कृपा तथा आशीर्वाद प्राप्त होता है। मान्यता है कि अगर आप मां दुर्गा के मंत्रों का जाप सच्चे मन से किया जाए तो व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति होती है।
5. ॐ हूं सूर्याय नम:
सूर्यदेव एक ऐसे देवता हैं जो नियमित रूप से भक्तों को दर्शन देते हैं। मान्यता है कि सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए किसी बड़े अनुष्ठान या खास पूजा की जरूरत नहीं पड़ती। सूर्य देव को सिर्फ एक लोटा जल और उनके मंत्रों के जाप से ही उनका आशीर्वाद पाया जा सकता है। सूर्यदेव के मंत्रों में इतनी ताकत है कि आप इनका जाप कर अपनी हर मनोकामना पूरी कर सकते हैं।
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