शादी-विवाह पूजा विधि

Vivah Puja Vidhi: विवाह को सफल बनाने के लिए की जाती है पूजा, जानें पूजा विधि और लाभ 


विवाह एक पवित्र संस्कार, जो दो लोगों को 7 जन्मों के लिए बांधता है। यह न केवल दो व्यक्तियों का मिलन है, बल्कि दो परिवारों का भी मिलन है।  इसे हिंदू संस्कृति में एक पवित्र अनुष्ठान माना गया है। इसी कारण से लोग विवाह की सफलता के लिए पूजा करते हैं। यह पूजा दंपति के वैवाहिक जीवन में सुख, समृद्धि, प्रेम और आपसी समझ बनाए रखने के लिए की जाती है। विवाह को शुभ बनाने के लिए विभिन्न देवताओं की पूजा की जाती है। इससे  विवाह करने वाले दंपत्ति के जीवन में आने वाली बाधाएं समाप्त होती हैं और जोड़े को सुखद वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। चलिए आपको विवाह के पूर्व की जाने वाली पूजा के महत्व, लाभ और प्रक्रिया के बारे में लेख के जरिए विस्तार से बताते हैं।


विवाह पूजा विधि


  • सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। उनकी पूजा से विवाह समारोह किसी भी तरह के विघ्न से बचा रहता है।
  • इसके बाद नवग्रहों की कृपा प्राप्त करने के लिए पूजा की जाती है। इससे वैवाहिक जीवन में सुख और सौभाग्य बना रहता है।
  • हर परिवार की एक कुलदेवी होती है। विवाह के पूर्व उनकी पूजा करना भी आवश्यक होता है।
  •  इसके बाद विवाह के मंडप में प्रवेश करने से पहले विशेष पूजा की जाती है, जिसमें दूल्हे का पूजन किया जाता है।
  • इसके बाद विवाह के दौरान पंडित पूजा करवाते हैं। और फिर सबसे महत्वपूर्ण चरण सात फेरे होते हैं, जिनमें वर-वधू अग्नि को साक्षी मानकर सात वचन देते हैं।
  • विवाह की पूर्णता के लिए दूल्हा दुल्हन की मांग में सिंदूर भरता है और मंगलसूत्र पहनाता है।


विवाह पूजा का लाभ 


विवाह पूजा करने से नवविवाहितों के जीवन में आने वाली बाधाएं समाप्त होती हैं।उनका जीवन सुखमय और समृद्ध होता है। ग्रह दोषों से मुक्ति मिल जाती है। पति-पत्नी के बीच प्रेम और आपसी समझ बढ़ती है और परिवार में खुशहाली और सौभाग्य आता है।



विवाह पूजा का महत्व 


विवाह पूजा का मुख्य उद्देश्य नवविवाहित जोड़े को देवी-देवताओं का आशीर्वाद दिलाना  होता है। इससे उनके जीवन में सुख-समृद्धि आती है और देवताओं का आशीर्वाद भी उन पर बना रहता है। मान्यता है कि यह पूजा करने से पति-पत्नी के बीच आपसी प्रेम और समझ बढ़ती है। यह पूजा दोनों परिवारों के बीच प्रेम और सद्भाव को भी बढ़ाती है। इसी कारण से दोनों परिवार इस पूजा को करने से पीछे नहीं हटते हैं।


........................................................................................................
शेंरावाली दा चोला सुहा लाल, लाल माँ नु प्यारा लागे (Sherawali Da Chola Suha Lal Lal Maa Nu Pyara Lage)

शेरावाली दा चोला सुहा लाल,
लाल माँ नु प्यारा लागे ॥

राम रस बरस्यो री, आज म्हारे आंगन में (Ram Ras Barsyo Re, Aaj Mahre Angan Main)

राम रस बरस्यो री,
आज म्हारे आंगन में ।

चरणों में रखना (Charno Mein Rakhna)

चरणों में रखना,
मैया जी मुझे चरणों में रखना,

भरोसा कर तू ईश्वर पर (Bharosa Kar Tu Ishwar Par)

भरोसा कर तू ईश्वर पर,
तुझे धोखा नहीं होगा ।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने