बुहा खोल के माये, जरा तक ते ले (Buha Khol Ke Maaye Zara Tak Te Le)

बुहा खोल के माये,
जरा तक ते ले,
तेरे मंदिरा दे वेडे दाती,
कौन आया है,
मान बच्चिया दा अज मायें,
रख ते ले,
तेथो मंगियां मुरादा पान,
कौन आया है ॥

खाके ठोकरा जहान दिया,
दुःख सह के,
जामा तन दा भवानी,
लीरो लीर हो गया,
हाल कोई नइयो पुछदा,
निमानिया दा,
तेरे नाम दा दीवाना माँ,
फकीर हो गया,
आके गुफा विचो बाहर हाल,
तक ते ले,
तेनू दुखड़े सुनान दाती,
कौन आया है,
बुहा खोल के मायें,
जरा तक ते ले,
तेरे मंदिरा दे वेडे दाती,
कौन आया है ॥

जिथे आसरा मिले माँ,
गम दे मारेया नू,
थक हार के सवाली,
उस दर जांवदा,
हो चोगा पँछिया नू,
जा के जिस थां मिलदा,
बुहे मुड़के उसे दे पंछी,
फेरा पाँवदा,
कोल आके भवानी गल,
सुन ते लै,
गेड़ा रोज दा मुकान,
अज कौन आया है,
बुहा खोल के मायें,
जरा तक ते ले,
तेरे मंदिरा दे वेडे दाती,
कौन आया है ॥

तू जे दातिए झोलिया,
कदे ना भरदी,
कोई बनके सवाली,
ना खैर मंगदा,
हो तेरी रहमता दा,
चर्चा जे होंवदा ना,
ना जमाना माँ मुरादा,
अट्ठे पहर मंगदा,
दर डिगिया दी बांह हुन,
फड़ वी लै,
दीपक दर ते जगान,
मायें कौन आया है,
बुहा खोल के मायें,
जरा तक ते ले,
तेरे मंदिरा दे वेडे दाती,
कौन आया है ॥

बुहा खोल के माये,
जरा तक ते ले,
तेरे मंदिरा दे वेडे दाती,
कौन आया है,
मान बच्चिया दा अज मायें,
रख ते ले,
तेथो मंगियां मुरादा पान,
कौन आया है ॥

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थारो खूब सज्यो दरबार, म्हारा बालाजी सरकार (Tharo Khub Sajyo Darbar Mhara Balaji Sarkar)

थारो खूब सज्यो दरबार,
म्हारा बालाजी सरकार,

हे संकट मोचन करते है वंदन(Hey Sankat Mochan Karte Hai Vandan)

हे संकट मोचन करते है वंदन
तुम्हरे बिना संकट कौन हरे,

शाबर मंत्र क्या है?

भारतीय परंपरा में मनोकामना पूर्ति और विभिन्न लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मंत्रों का जाप एक प्राचीन प्रथा है। इन मंत्रों में से एक विशिष्ट श्रेणी, जिसे शाबर मंत्र कहा जाता है अपनी प्रभावशीलता और सरलता के लिए विशेष रूप से जानी जाती है।

मासिक जन्माष्टमी पर राशि अनुसार पूजा

हिंदू धर्म में हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप, काल भैरव की पूजा की जाती है और इसे कालाष्टमी के रूप में मनाया जाता है।

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