कब है बसंत पंचमी 2025?

Basant Panchami 2025: 2 या 3 फरवरी कब मनाएं बसंत पंचमी? जानें तिथि और मुहूर्त


माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का उत्सव मनाया जाता है। सनातन धर्म के लोगों के लिए ये दिन बहुत खास होता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं। इसलिए इस दिन माता सरस्वती की पूजा की जाती है। इसके साथ ही बसंत पंचमी के दिन से ही मथुरा-वृंदावन में होली का उत्सव शुरू होता है जो 40 दिन तक चलता है। इस बार बसंत पंचमी की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस साल यह तिथि 2 दिन पड़ रही है, बता दें कि 2 और 3 फरवरी को बसंत पंचमी बताई जा रही है। 2 या 3 फरवरी किस दिन मनाई जाएगी बसंत पंचमी, यह जानना भी जरूरी है। आइए आपको बताते हैं बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है।



कब मनाई जा रही है बसंत पंचमी?


पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल पंचमी तिथि 2 फरवरी को सुबह 9:14 बजे से 3 फरवरी को सुबह 6:52 बजे तक है। उदया तिथि के अनुसार, बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी। 2 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 9 मिनट से शुरू होगा, जो दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।


बसंत पंचमी का महत्व


बसंत पंचमी देवी सरस्वती को समर्पित दिन है, और इस दिन बुद्धि और शिक्षा के लिए जातक मां सरस्वती की पूजा अर्चना करते हैं। पूजा करने से पहले भक्त अपने घरों और अध्ययन के स्थानों को साफ करते हैं। पूजा में आमतौर पर देवी की मूर्ति या तस्वीर के पास किताबें, संगीत वाद्ययंत्र और सीखने से संबंधित उपकरण रखे जाते हैं, और पढ़ाई और काम में सफलता के लिए आशीर्वाद मांगते हैं।


........................................................................................................
फरवरी 2025 में इष्टि कब है

इष्टि यज्ञ वैदिक काल के प्रमुख अनुष्ठानों में से एक है। संस्कृत में ‘इष्टि’ का अर्थ ‘प्राप्ति’ या ‘कामना’ होता है। यह यज्ञ विशेष रूप से मनोकामना पूर्ति और जीवन में समृद्धि लाने के उद्देश्य से किया जाता है।

बोल कन्हैया बोल (Bol Kanhaiya Bol)

वा रे लाला नन्द का,
तूने जनम चराई ढोर,

दर्शन कर लो रे भक्तो, मेहंदीपुर धाम का (Darshan Kar Lo Re Bhakto Mehandipur Dham Ka)

दर्शन कर लो रे भक्तो,
मेहंदीपुर धाम का,

Har Janam Mein Baba Tera Sath Chahiye Lyrics (हर जनम में बाबा तेरा साथ चाहिए)

हर जनम में बाबा तेरा साथ चाहिए,
सिर पे मेरे बाबा तेरा हाथ चाहिए,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।