रंग पंचमी के उपाय

रंग पंचमी पर विवाह बाधा दूर करने से लेकर धन-समृद्धि के लिए आजमाएं ये उपाय


रंग पंचमी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है और इसे होली के पांचवें दिन मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन देवी-देवता पृथ्वी पर आकर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। धार्मिक दृष्टि से यह दिन बहुत शुभ होता है और इस दिन किए गए विशेष उपाय जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं। विशेष रूप से, यह दिन विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने और आर्थिक समृद्धि प्राप्त करने के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

विवाह बाधा दूर करने के लिए वट वृक्ष की परिक्रमा करें 


यदि विवाह में कोई रुकावट आ रही हो तो इस दिन वट वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करें। परिक्रमा पूरी करने के बाद वट वृक्ष में भगवान विष्णु का नाम लेकर लाल रंग का धागा बांधें और विवाह संबंधित समस्याओं के निवारण की प्रार्थना करें। इससे शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।

धन-समृद्धि के लिए पर्स में रखें पीले रंग की वस्तु 


आर्थिक स्थिति को सुधारने और धन आगमन के लिए रंग पंचमी के दिन पर्स में पीला रुमाल या हल्दी की गांठ रखें। यह उपाय जीवन में आर्थिक उन्नति लाने में सहायक होता है। इसके अलावा, स्नान के जल में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करें और भगवान विष्णु की पूजा करें, जिससे सुख-समृद्धि बनी रहती है।

गुरु ग्रह से संबंधित दोष होंगे दूर 


रंग पंचमी के दिन भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण और श्रीराम को पीले फूल अर्पित करने से गुरु ग्रह से संबंधित दोष दूर होते हैं। गुरु ग्रह ज्ञान, करियर और विवाह का कारक माना जाता है। यदि विवाह में देरी हो रही हो, तो भगवान को हल्दी, पीले वस्त्र और पीला गुलाल चढ़ाने से विवाह संबंधी बाधाएं समाप्त होती हैं और करियर में उन्नति मिलती है।

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मौनी अमावस्या पर ये जरूर करें

साल 2025 में 29 जनवरी दिन बुधवार को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी। इस बार मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान किया जाएगा और इस दिन कुछ दुर्लभ संयोग भी बन रहे हैं।

गजानन करदो बेड़ा पार(Gajanan Kardo Beda Paar)

गजानन करदो बेड़ा पार,
आज हम तुम्हे मनाते हैं,

मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे(Meri Jholi Chhoti Padgayi Re Itna Diya Meri Mata)

मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे,
इतना दिया मेरी माता।

कालाष्टमी पर क्या दान करें?

वैदिक पंचांग के अनुसार, हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष यानी 2024 के नवंबर माह में ये तिथि 22 तारीख को पड़ रही है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव देव की विधिपूर्वक पूजा की जाती है, जो तंत्र-मंत्र साधकों के लिए विशेष महत्व रखती है।

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