छठ पूजा ध्यान मंत्र (Chhath Puja Dhyan Mantra)

षष्ठांशां प्रकृते: शुद्धां सुप्रतिष्ठाण्च सुव्रताम्।

सुपुत्रदां च शुभदां दयारूपां जगत्प्रसूम्।।

श्वेतचम्पकवर्णाभां रत्नभूषणभूषिताम्।

पवित्ररुपां परमां देवसेनां परां भजे।।


........................................................................................................
श्री डिग्गी वाले बाबा देव निराले, तेरी महिमा अपरम्पार है (Shree Diggi Wale Dev Nirale Teri Mahima Aprampar Hai)

श्री डिग्गी वाले बाबा देव निराले,
तेरी महिमा अपरम्पार है,

मेरा दिल तो दीवाना हो गया, मुरली वाले तेरा (Mera Dil To Deewana Ho Gaya Murli Wale Tera)

मेरा दिल तो दीवाना हो गया, मुरली वाले तेरा,

गुरु दक्षिणा पूजा विधि

गुरु दक्षिणा की परंपरा हिंदू संस्कृति में प्राचीन काल से चली आ रही है। किसी भी व्यक्ति की सफलता में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए, इस पूजा के जरिए हम अपने गुरु के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करते हैं।

शिव शंकर भोलेनाथ, तेरा डमरू बाजे पर्वत पे (Shiv Shankar Bholenath Tera Damru Baje Parvat Pe)

शिव शंकर भोलेनाथ,
तेरा डमरू बाजे पर्वत पे,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने