वट सावित्री पूर्णिमा पूजन विधि (Vat Savitri Purnima Pooja Vidhi)

ज्येष्ठमास की पूर्णिमा को किया जाने वाला व्रत 

वट सावित्री पूर्णिमा विषेष रूप से सुहागिन औरतो के लिए वेहद खास माना जाने वाला त्यौहार है यह व्रत साल में एक वार ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को किया जाता है इसे वट पूर्णिमा भी कहते है सभी शादी सुदा महिलाए यह व्रत अपनी पति की लंबी आयु एवं खुषहाल जीवन के लिए करती है इस व्रत को महिलाए निर्जला रखती है यानी अन्न जल कुछ भी ग्रहण नहीं करती है इस दिन सुबह स्नान करके सुहागिन महिलाये वट यानी बरगद के पेड की पूजा करती है वट वृक्ष में भगवान ब्रह्रामा विष्णु महेष तीनो का वास माना जाता है इस दिन महिलाये वट वृक्ष की परिक्रमा करती है और पेड के चारो तरफ एक रक्षा सूत्र बांधती है ऐसा करने से पति पर अकाल मृत्यु का संकट नहीं आता है इस दिन की पूजा में हमको कई तरह पकवान एवं कच्चे आटे के वट बानाने चाहिऐ और मौसम्मी जैसे फलो का भी प्रयोग करना चाहिए। 


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शिव के रूप में आप विराजें, भोला शंकर नाथ जी (Shiv Ke Roop Mein Aap Viraje Bhola Shankar Nath Ji)

शिव के रूप में आप विराजे,
भोला शंकर नाथ जी ॥

शारदीय नवरात्रि के लिए घट स्थापना कौन से दिन करें, यहां जानें अपने सभी सवालों के जवाब

शारदीय नवरात्रि का आरंभ होने जा रहा है। नौ दिन तक चलने वाले इस महापर्व में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि का पहला दिन बेहद खास माना जाता है, क्योंकि इस दिन घटस्थापना करने का विधान है।

फूलों में सज रहे हैं (Phoolon Mein Saj Rahe Hai)

फूलों में सज रहे हैं,
श्री वृन्दावन बिहारी,

सात्विक मंत्र क्यों पढ़ने चाहिए?

'मंत्र' का अर्थ है मन को एकाग्र करने और अनावश्यक विचारों से मुक्त करने का एक सरल उपाय। आज की तेज़ भागदौड़ भरी ज़िंदगी में मानसिक शांति प्राप्त करना अत्यंत कठिन हो गया है।

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