शिव स्तुति: आशुतोष शशाँक शेखर

शिव स्तुति: आशुतोष शशाँक शेखर


आशुतोष शशाँक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा,

कोटि कोटि प्रणाम शम्भू, कोटि नमन दिगम्बरा ॥


निर्विकार ओमकार अविनाशी, तुम्ही देवाधि देव,

जगत सर्जक प्रलय करता, शिवम सत्यम सुंदरा ॥


निरंकार स्वरूप कालेश्वर, महा योगीश्वरा,

दयानिधि दानिश्वर जय, जटाधार अभयंकरा ॥


शूल पानी त्रिशूल धारी, औगड़ी बाघम्बरी,

जय महेश त्रिलोचनाय, विश्वनाथ विशम्भरा ॥


नाथ नागेश्वर हरो हर, पाप साप अभिशाप तम,

महादेव महान भोले, सदा शिव शिव संकरा ॥


जगत पति अनुरकती भक्ति, सदैव तेरे चरण हो,

क्षमा हो अपराध सब, जय जयति जगदीश्वरा ॥


जनम जीवन जगत का, संताप ताप मिटे सभी,

ओम नमः शिवाय मन, जपता रहे पञ्चाक्षरा ॥


आशुतोष शशाँक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा,

कोटि कोटि प्रणाम शम्भू, कोटि नमन दिगम्बरा ॥


कोटि नमन दिगम्बरा..


कोटि नमन दिगम्बरा..


कोटि नमन दिगम्बरा..

........................................................................................................
जाना है मुझे माँ के दर पे (Jana Hai Mujhe Maa Ke Dar Pe)

जाना है मुझे माँ के दर पे,
सुनो बाग के माली,

वह शक्ति हमें दो दया निधे (Wah Shakti Hamain Do Daya Nidhe)

वह शक्ति हमें दो दयानिधे,
कर्त्तव्य मार्ग पर डट जावें।

उलझ मत दिल बहारो में 2 (Ulajh Mat Dil Bharo Me -2)

उलझ मत दिल बहारो में बहारो का भरोसा क्या,
सहारे छुट जाते है सहरो का बरोसा क्या

रविवार को किन मंत्रों का जाप करें?

हिंदू धर्म में भगवान सूर्य को धरती के प्रत्यक्ष देवता माना जाता है। वे नवग्रहों के अधिपति, सौरमंडल के स्वामी और सभी राशियों के शासक हैं। सूर्य देव ऊर्जा, शक्ति और सकारात्मकता के प्रतीक हैं।

यह भी जाने