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गोपाल गोकुल वल्लभे, प्रिय गोप गोसुत वल्लभं ।
गोकुल की हर गली मे, मथुरा की हर गली मे ॥
हार के आया मैं जग सारा, तेरी चौखट पर,
गोबिंद चले चरावन गैया । दिनो है रिषि आजु भलौ दिन,
जपता फिरूं मैं नाम तुम्हारा, हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा,
गिरिजा के छैया, गणपति तुम्हे पुकारूँ,
हार गया हूँ बाबा, अब तो आके थाम रे,
प्रभु अपने दर से, अब तो ना टालो, गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो,
हार गया हूँ जग से बाबा, मुझको गले लगा लो तुम,
घुमतड़ा घर आवो, ओ म्हारा प्यारा गजानन,