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गोबिंद चले चरावन गैया (Gobind Chale Charavan Gaiya)

गोबिंद चले चरावन गैया ।

दिनो है रिषि आजु भलौ दिन,

कह्यौ है जसोदा मैया ॥


उबटि न्हवाइ बसन भुषन,

सजि बिप्रनि देत बधैया ।

करि सिर तिलकु आरती बारति,

फ़ुनि-फ़ुनि लेति बलैया ॥


’चतुर्भुजदास’ छाक छीके सजि,

सखिन सहित बलभैया ।

गिरिधर गवनत देखि अंक भर,

मुख चूम्यो व्रजरैया ॥

मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो (Maiya Mori Mai Nahi Makhan Khayo)

मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो ।

तुम्हीं में ये जीवन जिए जा रहा हूँ (Tumhi Me Ye Jivan Jiye Ja Raaha Hoon)

तुम्हीं में ये जीवन जिए जा रहा हूँ
जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥

मां दुर्गा की पूजा इस विधि से करें

मां दुर्गा का रूप शक्ति और वीरता का प्रतीक है। वे राक्षसों और असुरों से संसार को बचाने वाली देवी हैं। उनकी पूजा से व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आत्मिक बल मिलता है।

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जब बरसों के इंतजार के बाद श्रीराम शबरी की कुटिया में पहुंचे, तो उनके बीच एक अनोखा संवाद हुआ।

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