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हार के आया मैं जग सारा (Haare Ka Sahara Mera Shyam)

हार के आया मैं जग सारा,

तेरी चौखट पर,

तुमसे ही है सारी उम्मीदें,

तुम ही लोगे खबर,

सब कहते है अपने भगत की,

श्याम हमेशा पत रखता है,

हारे का सहारा मेरा श्याम,

हमेशा मेरी लाज रखता है ॥


जग से रिश्ता तोड़ दिया है,

तुझसे नाता जोड़ लिया है,

तुझको ही माना साथी अपना,

तुझपे ही सबकुछ छोड़ दिया है,

तेरी दया से मेरा दीपक,

तूफानों में भी जलता है,

हारें का सहारा मेरा श्याम,

हमेशा मेरी लाज रखता है ॥


कलयुग की सरकार तू ही है,

जीवन का आधार तू ही है,

क्यों भटकूं मैं दर दर जाकर,

श्याम मेरा संसार तू ही है,

तेरी कृपा का हाथ है जबसे,

हर संकट खुद ही टलता है,

हारें का सहारा मेरा श्याम,

हमेशा मेरी लाज रखता है ॥


हार के आया मैं जग सारा,

तेरी चौखट पर,

तुमसे ही है सारी उम्मीदें,

तुम ही लोगे खबर,

सब कहते है अपने भगत की,

श्याम हमेशा पत रखता है,

हारे का सहारा मेरा श्याम,

हमेशा मेरी लाज रखता है ॥

सर पे चुनरिया लाल, और हाथों में मेहंदी रचाई है (Sar Pe Chunariya Lal Aur Hatho Mein Mehandi Rachai Hai)

सर पे चुनरिया लाल,
और हाथों में मेहंदी रचाई है,

जब तें रामु ब्याहि घर आए(Jab Te Ram Bhayai Ghar Aaye)

श्री गुरु चरन सरोज रज
निज मनु मुकुरु सुधारि ।

श्री नर्मदा चालीसा (Shri Narmada Chalisa)

देवि पूजित, नर्मदा, महिमा बड़ी अपार।
चालीसा वर्णन करत, कवि अरु भक्त उदार॥

पौष माह में करें ये उपाय

हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह साल का दसवां महीना होता है जो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद शुरू होता है। वैदिक पंचाग के अनुसार, इस साल पौष माह की शुरुआत 16 दिसंबर से हो चुकी है।

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