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ओम नम शिवाय, ओम नम शिवाय,
माँ ऊँचे पर्वत वाली, करती शेरो की सवारी,
मुँह फेर जिधर देखूं माँ तू ही नज़र आये, माँ छोड़ के दर तेरा कोई और किधर जाये ॥
मैं हर दिन हर पल हर लम्हा, माँ ज्वाला के गुण गाता हूँ,
मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की । मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की ।
माँ तू है अनमोल, जो जाने मेरे बोल,
मैं हार गया जग से, अब तुमको पुकारा है,
माँ तेरे लाल बुलाए आजा, सुनले भक्तो की सदाए आजा,
मैं तो संग जाऊं बनवास मैं तो संग जाऊं बनवास
माँ शारदे कहाँ तू, वीणा बजा रही हैं,