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मैं हर दिन हर पल हर लम्हा, माँ ज्वाला के गुण गाता हूँ (Main Har Din Har Pal Har Lamha Maa Jwala Ke Gun Gata Hu)

मैं हर दिन हर पल हर लम्हा,

माँ ज्वाला के गुण गाता हूँ,

आ गई माँ सिरसा में रहने,

सबको यूँ बतलाता हूँ ॥


भक्तों ने जा भवन तुम्हारे,

तुमको शीश नवाया माँ,

हाथ जोड़कर करी बिनती,

संग में चलो महामाया,

मैं बैठ सामने ज्योत तेरी के,

मीठे भजन सुनाता हूँ,

आ गई माँ सिरसा में रहने,

सबको यूँ बतलाता हूँ ॥


सुंदर सी चौकी पर माँ,

मखमल गद्दी लगवाउँ मैं,

रूप सिंगारन पुष्प सुगंधित,

ताजी कलियां लाऊं मैं,

मैं खुद दर्शन कर रोज सवेरे,

सबको दर्श कराता हूँ,

आ गई माँ सिरसा में रहने,

सबको यूँ बतलाता हूँ ॥


‘माँ भगवती सेवा दल’,

ये करे तुम्हारी सेवा माँ,

भोग लगाने लाते मैया,

हलवा पुरी मेवा माँ,

माँ सिरसा मे रहे वास तुम्हारा,

यही मैं अर्ज लगाता हूँ,

आ गई माँ सिरसा में रहने,

सबको यूँ बतलाता हूँ ॥


मैं हर दिन हर पल हर लम्हा,

माँ ज्वाला के गुण गाता हूँ,

आ गई माँ सिरसा में रहने,

सबको यूँ बतलाता हूँ ॥

दुर्गाष्टमी पर मां दुर्गा को क्या भोग लगाएं

हिंदू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत अत्यंत शुभ माना गया है। यह पर्व हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा और व्रत के साथ उन्हें विशेष भोग अर्पित करने का विधान है।

मासिक जन्माष्टमी पर पूजन

सनातन हिंदू धर्म में, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि इससे साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

धन्वंतरि की पूजा कैसे करें?

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गुड़ी पड़वा क्यों मनाया जाता है

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