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मैं तो संग जाऊं बनवास, स्वामी (Main Too Sang Jaun Banwas)

मैं तो संग जाऊं बनवास

मैं तो संग जाऊं बनवास

मैं तो संग जाऊं बनवास

स्वामी ना करना निराश

पग पग संग जाऊं जाऊं बनवास

हे मैं तो संग जाऊं बनवास


उपर है अग्नि की छतरी नीचे तपती बाली

उपर है अग्नि की छतरी नीचे तपती बाली

पाँव में पड़ेंगें छाले ना जाओ बनवास

हे मैं तो संग जाऊं बनवास

मैं तो संग जाऊं बनवास


तुम हो सूर्यवंशी स्वामी रखो अपनी छाया

तुम हो सूर्यवंशी स्वामी रखो अपनी छाया

छाव में चलूँ तुम्हारी तुम ही मेरी माया

मैं तो संग जाऊं बनवास

मैं तो संग जाऊं बनवास


जंगल बन मे घूमे हाथी भालू शेर और हिरना

जंगल बन मे घूमे हाथी भालू शेर और हिरना

नारी हो तुम डर जाओगी

ना जाओ बनवास

हे मैं तो संग जाऊं बनवास

मैं तो संग जाऊं बनवास


तुम तो योद्धावीर हो स्वामी तुम ही रक्षा करना

तुम तो योद्धावीर हो स्वामी तुम ही रक्षा करना

बाण तुम्हारे काँधे सोहे संग हो तो क्या डरना

मैं तो संग जाऊं बनवास

स्वामी ना करना निराश

पग पग संग जाऊं जाऊं बनवास

हे मैं तो संग जाऊं बनवास

मैं तो संग जाऊं बनवास

मैं तो संग जाऊं बनवास

डम डम डमरू बजाए मेरा जोगी (Dam Dam Damru Bajaye Mera Jogi)

डम डम डमरू बजाए मेरा जोगी,
जाने कैसी माया रचाए मेरा जोगी,

आमलकी एकादशी पर आंवल के उपाय

हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी मनाई जाती है। आमलकी एकादशी का व्रत स्त्री और पुरुष दोनों रखते हैं। इस शुभ अवसर पर साधक व्रत रख भगवान विष्णु की भक्ति भाव से पूजा करते हैं।

जानकी जयंती पर सीता चालीसा का पाठ

हिंदू धर्म में भगवान राम और माता सीता की पूजा बहुत शुभ और कल्याणकारी मानी गई है। देवी सीता को जानकी के नाम से भी जाना जाता है, वे जगत जननी मां लक्ष्मी का स्वरूप हैं।

काशी विश्वनाथ से मां अन्नपूर्णा का संबंध

मार्गशीर्ष महीने में पूर्णिमा तिथि अन्नपूर्णा जयंती के रूप में मनाई जाती है। इस साल अन्नपूर्णा जयंती 15 दिसंबर 2024 को है। मां अन्नपूर्णा की कृपा से अन्न-धन का भंडार सदैव भरा रहता है।