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आजा भक्तो की सुनके पुकार, ओ मरघट वाले बाबा जी (Aaja Bhakto Ki Sun Ke Pukar O Marghat Wale Baba Ji)

आजा भक्तो की सुनके पुकार,

ओ मरघट वाले बाबा जी,

रोज करते है तेरा इंतजार,

ओ मरघट वाले बाबा जी,

आजा भक्तों की सुनके पुकार,

ओ मरघट वाले बाबा जी ॥


मिल जाए जो तेरा सहारा,

कट जाएगा कष्ट हमारा,

लिए बैठे है फूलों के हार,

लिए बैठे है फूलों के हार,

ओ मरघट वाले बाबा जी,

आजा भक्तों की सुनके पुकार,

ओ मरघट वाले बाबा जी ॥


रस्ते में तेरे नैन बिछाए,

बैठे है हम आस लगाए,

और आएँगे मंगल शनिवार,

और आएँगे मंगल शनिवार,

ओ मरघट वाले बाबा जी,

आजा भक्तों की सुनके पुकार,

ओ मरघट वाले बाबा जी ॥


महिमा तेरी सबसे निराली,

द्वार पे तेरे आके सवाली,

तेरी आरती उतारे बारम्बार,

तेरी आरती उतारे बारम्बार,

ओ मरघट वाले बाबा जी,

आजा भक्तों की सुनके पुकार,

ओ मरघट वाले बाबा जी ॥


आजा भक्तो की सुनके पुकार,

ओ मरघट वाले बाबा जी,

रोज करते है तेरा इंतजार,

ओ मरघट वाले बाबा जी,

आजा भक्तों की सुनके पुकार,

ओ मरघट वाले बाबा जी ॥



कलावा उतारने के नियम

सनातन धर्म में कलावा बांधने का काफ़ी महत्व है। इसे रक्षा सूत्र के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, हाथ पर कलावा बांधने की शुरुआत माता लक्ष्मी से जुड़ी हुई है।

जीवन है तेरे हवाले, मुरलिया वाले (Jeevan Hai Tere Hawale Muraliya Wale)

जीवन है तेरे हवाले,
मुरलिया वाले,

दीवाली कलश पूजा (Diwali Kalash Puja)

सबसे पहले कलश पर मौली बांधकर ऊपर आम का एक पल्लव रखें। कलश में सुपारी, दूर्वा, अक्षत, सिक्का रखें।

आओ बालाजी, आओं बालाजी (Aao Balaji Aao Balaji)

आओ बालाजी,
आओं बालाजी,

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