नवीनतम लेख

आयो सावणियो, दादी जी म्हारी, हिंडो हिन्डै आज (Aayo Sawaniyo, Dadiji Mhari Hindo Hinde Aaj)

आयो सावणियो,

दादी जी म्हारी,

हिंडो हिन्डै आज,

आयो सावणियों,

बेला गुलाब चंपा माही,

खूब सज्यो सिणगार,

आयो सावणियों,

ओ आयो सावणियों,

दादी जी म्हारी,

हिंडो हिन्डै आज,

आयो सावणियों ॥


झीणो झीणो चमकै मुखड़ो,

भक्तां रो मन हरखै जी,

मिल भगतां के सागै दादी,

करां सिंधारा आज,

आयो सावणियों,

ओ आयो सावणियों,

दादी जी म्हारी,

हिंडो हिन्डै आज,

आयो सावणियों ॥


माथे पे बिंदिया हाथ में कंगना,

चुनड़ी चमचम चमके है,

केडसती म्हारी बनड़ी बणी है,

कर सोलह सिणगार,

आयो सावणियों,

ओ आयो सावणियों,

दादी जी म्हारी,

हिंडो हिन्डै आज,

आयो सावणियों ॥


पांव में पायल कान में झुमका,

नाक की नथली प्यारी है,

लाल सुरंगी मेहंदी हाथा,

नयना कजरै की धार,

आयो सावणियों,

ओ आयो सावणियों,

दादी जी म्हारी,

हिंडो हिन्डै आज,

आयो सावणियों ॥


रिमझिम रिमझिम बरखा बरखै,

सावणियो आयो प्यारो जी,

अंतर केसर की खुशबू से,

मैहक रह्यो दरबार,

आयो सावणियों,

ओ आयो सावणियों,

दादी जी म्हारी,

हिंडो हिन्डै आज,

आयो सावणियों ॥


ठुमक ठुमक कर थिरक थिरक कर,

म्हें तो मंगल गावां जी,

बिन घुंघरू के म्हें तो नाचां,

नाचां नव नव ताल,

आयो सावणियों,

ओ आयो सावणियों,

दादी जी म्हारी,

हिंडो हिन्डै आज,

आयो सावणियों ॥


घूम घूम कर घूमर घाल्यां,

ढोल बजावां कोई थाल,

झूम झूम कर ‘मधु’ तो नाचे,

माँ ने रिझावै आज,

आयो सावणियों,

ओ आयो सावणियों,

दादी जी म्हारी,

हिंडो हिन्डै आज,

आयो सावणियों ॥


आयो सावणियो,

दादी जी म्हारी,

हिंडो हिन्डै आज,

आयो सावणियों,

बेला गुलाब चंपा माही,

खूब सज्यो सिणगार,

आयो सावणियों,

ओ आयो सावणियों,

दादी जी म्हारी,

हिंडो हिन्डै आज,

आयो सावणियों ॥

रानी सती आज मेरे घर आई(Rani Sati Aaj Mere Ghar Aayi)

रानी सती आज मेरे घर आई,
घर आई माँ घर आई,

माँ शारदा भवानी, बैठी है देखो कैसे(Maa Sharda Bhawani Bethi Hai Dekho Kaise)

माँ शारदा भवानी,
बैठी है देखो कैसे,

दीवाली से पहले खरीदारी का श्रेष्ठ मुहूर्त

24 अक्टूबर को खरीदारी के लिए दुर्लभ संयोग बन रहा है। इसे ज्योतिष शास्त्र में बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है।

यह भी जाने