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अपने रंग रंगलो गजानन (Apne Rang Ranglo Gajanan)

अपने रंग रंगलो गजानन,

दिल तुम्हारा हो गया,

दिल तुम्हारा हो गया देवा,

दिल तुम्हारा हो गया,

कुछ रहा ना मुझ में मेरा,

सब तुम्हारा हो गया,

अपने रंग रंगलों गजानन,

दिल तुम्हारा हो गया ॥


हर तरफ काली घटाएँ,

छाई अँधेरी रात थी,

बिच भंवर डोली थी नैया,

तू किनारा हो गया,

अपने रंग रंगलों गजानन,

दिल तुम्हारा हो गया ॥


हर जपूँ मैं नाम तेरा,

तेरी चोखट मिल जाए,

तुमने रख दिया हाथ सिर पे,

क्या नज़ारा हो गया,

अपने रंग रंगलों गजानन,

दिल तुम्हारा हो गया ॥


सांसो की माला बना के,

अर्पण कर दूँ मैं तुझे,

जबसे देखि सूरत ये तेरी,

जग से प्यारा हो गया,

अपने रंग रंगलों गजानन,

दिल तुम्हारा हो गया ॥


मूषक चढ़ आओ ओ देवा,

मन में दरश की प्यास जगी,

‘अर्चू’ तड़पे है तुम बिन,

जान से प्यारा हो गया,

अपने रंग रंगलों गजानन,

दिल तुम्हारा हो गया ॥


अपने रंग रंगलो गजानन,

दिल तुम्हारा हो गया,

दिल तुम्हारा हो गया देवा,

दिल तुम्हारा हो गया,

कुछ रहा ना मुझ में मेरा,

सब तुम्हारा हो गया,

अपने रंग रंगलों गजानन,

दिल तुम्हारा हो गया ॥


कर दो दुखियो का दुःख दूर, ओ बाघम्बर वाले (Kar Do Dukhiyo Ka Dukh Dur O Baghambar Wale)

कर दो दुखियो का दुःख दूर,
ओ बाघम्बर वाले,

शनि प्रदोष व्रत उपाय

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और शनिदेव के आराधना के लिए समर्पित होता है। शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आने वाले इस व्रत में शिवलिंग की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

श्री विन्धेश्वरी चालीसा (Shri Vindheshwari Chalisa)

नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब ।
सन्तजनों के काज में, करती नहीं विलम्ब ॥

रवि प्रदोष व्रत के उपाय

हिंदू धर्म में, प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, फरवरी माह का पहला प्रदोष व्रत 9 फरवरी को मनाया जाएगा। सप्ताह के सातों दिनों में से जिस दिन प्रदोष व्रत पड़ता है उसी के नाम पर उस प्रदोष का नाम रखा जाता है।

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