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बांके बिहारी की देख छटा (Banke Bihari Ki Dekh Chhata)

बांके बिहारी की देख छटा,

मेरो मन है गयो लटा पटा।


कब से खोजूं बनवारी को,

बनवारी को, गिरिधारी को।

कोई बता दे उसका पता,

मेरो मन है गयो लटा पटा॥

॥ बांके बिहारी की देख छटा...॥


मोर मुकुट श्यामल तन धारी,

कर मुरली अधरन सजी प्यारी।

कमर में बांदे पीला पटा,

मेरो मन है गयो लटा पटा॥

॥ बांके बिहारी की देख छटा...॥


पनिया भरन यमुना तट आई,

बीच में मिल गए कृष्ण कन्हाई।

फोड़ दियो पानी को घटा,

मेरो मन है गयो लटा पटा॥

॥ बांके बिहारी की देख छटा...॥


टेडी नज़रें लत घुंघराली,

मार रही मेरे दिल पे कटारी।

और श्याम वरन जैसे कारी घटा,

मेरो मन है गयो लटा पटा॥

॥ बांके बिहारी की देख छटा...॥


मिलते हैं उसे बांके बिहारी,

बांके बिहारी, सनेह बिहारी।

राधे राधे जिस ने रटा,

मेरो मन है गयो लटा पटा॥

॥ बांके बिहारी की देख छटा...॥


बांके बिहारी की देख छटा,

मेरो मन है गयो लटा पटा।


यशोमती नन्दन बृजबर नागर (Yashomati Nandan Brijwar Nagar)

यशोमती नन्दन बृजबर नागर,
गोकुल रंजन कान्हा,

मैया तुमको मनावे तेरे भक्त रे(Maiya Tumko Manave Tere Bhakt Re)

मैया तुमको मनावे तेरे भक्त रे,
तेरे भक्त रे,

मासिक दुर्गाष्टमी तिथि और शुभ-मुहूर्त

प्रत्येक महीने की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है। इस दिन देवी दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है। धार्मिक मत है कि जगत की देवी मां दुर्गा के चरण और शरण में रहने से साधक को सभी प्रकार के सुखों मिलते हैं।

छठी मईया प्रसिद्ध गीत

ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए। मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥

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