नवीनतम लेख

बेद की औषद खाइ कछु न करै माँ गंगा माहात्म्य (Bed Ki Aushad Khai Kachhu Na karai: Ganga Mahatmy)

माँ गंगा मैया का गरिमामय माहात्म्य ॥


बेद की औषद खाइ कछु न करै बहु संजम री सुनि मोसें ।

तो जलापान कियौ रसखानि सजीवन जानि लियो रस तेर्तृ ।

एरी सुघामई भागीरथी नित पथ्य अपथ्य बने तोहिं पोसे ।

आक धतूरो चाबत फिरे विष खात फिरै सिव तेऐ भरोसें ।

- सैयद रसखान


कृष्ण घर नन्द के जन्मे, सितारा हो तो ऐसा हो (Krishna Ghar Nand Ke Janme Sitara Ho To Aisa Ho)

कृष्ण घर नन्द के जन्मे,
दुलारा हो तो ऐसा हो,

तुम आशा विश्वास हमारे, रामा - भजन (Tum Asha Vishwas Hamare Bhajan)

नाम ना जाने, धाम ना जाने
जाने ना सेवा पूजा

मैया तुमको मनावे तेरे भक्त रे(Maiya Tumko Manave Tere Bhakt Re)

मैया तुमको मनावे तेरे भक्त रे,
तेरे भक्त रे,

हे शिवशंकर, हे करुणाकर(Hey Shivshankar Hey Karunakar)

हे शिवशंकर हे करुणाकर,
हे परमेश्वर परमपिता

यह भी जाने