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कलियुग में सिद्ध हो देव तुम्हीं (Bhajan: Kalyug Mein Sidh Ho Dev Tumhin Hanuman)

कलियुग में सिद्ध हो देव तुम्हीं,

हनुमान तुम्हारा क्या कहना ।

तेरी शक्ति का क्या कहना,

तेरी भक्ति का क्या कहना ॥


सीता की खोज करी तुमने,

तुम सात समुन्दर पार गये ।

लंका को किया शमशान प्रभु,

बलवान तुम्हारा क्या कहना ॥

तेरी शक्ति का क्या कहना,

तेरी भक्ति का क्या कहना ।

॥ कलियुग में सिद्ध हो देव तुम्हीं...॥


जब लखन लाल को शक्ति लगी,

तुम द्रोणागिरी पर्वत लाये ।

लक्ष्मण के बचाये आ कर के,

तब प्राण तुम्हारा क्या कहना ॥

तेरी शक्ति का क्या कहना,

तेरी भक्ति का क्या कहना ।

॥ कलियुग में सिद्ध हो देव तुम्हीं...॥


तुम भक्त शिरोमनी हो जग में,

तुम वीर शिरोमनी हो जग में ।

तेरे रोम रोम में बसते हैं सिया राम,

तुम्हारा क्या कहना ॥


कलियुग में सिद्ध हो देव तुम्हीं,

हनुमान तुम्हारा क्या कहना ।

तेरी शक्ति का क्या कहना,

तेरी भक्ति का क्या कहना ॥

किसलिए आस छोड़े कभी ना कभी (Kisliye Aas Chhauden Kabhi Na Kabhi)

किस लिए आस छोड़े कभी ना कभी,
क्षण विरह के मिलन में बदल जाएंगे ।

मंत्र के प्रकार

मंत्रों के कई प्रकार होते हैं, जरूरत के हिसाब से इन मंत्रों का उपयोग किया जाता है। मंत्रों के प्रकार और उनके उपयोग से होने लाभों पर नज़र डालें तो आप पाएंगे ये विभिन्न रूपों में हैं।

राम का हर पल ध्यान लगाए, राम नाम मतवाला (Ram Ka Har Pal Dhyan Lagaye Ram Naam Matwala)

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राम नाम मतवाला,

जपे जा तू बन्दे, सुबह और शाम (Jape Ja Tu Bande Subah Aur Sham)

जपे जा तू बन्दे,
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