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भला किसी का कर ना सको तो (Bhala Kisi Ka Kar Na Sako Too)

भला किसी का कर ना सको तो,

बुरा किसी का मत करना,

पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,

कांटे बन कर मत रहना ॥


बन ना सको भगवान अगर तुम,

कम से कम इंसान बनो,

नहीं कभी शैतान बनो तुम,

नहीं कभी हैवान बनो,

सदाचार अपना न सको तो,

पापों में पग मत धरना,

पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,

कांटे बन कर मत रहना ॥


सत्य वचन ना बोल सको तो,

झूठ कभी भी मत बोलो,

मौन रहो तो ही अच्छा,

कम से कम विष तो मत घोलो,

बोलो यदि पहले तुम तोलो,

फिर मुंह को खोला करना,

पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,

कांटे बन कर मत रहना ॥


घर ना किसी का बसा सको तो,

झोपड़ियां ना जला देना,

मरहम पट्टी कर ना सको तो,

खार नमक ना लगा देना,

दीपक बन कर जल ना सको तो,

अंधियारा ना फैला देना,

पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,

कांटे बन कर मत रहना ॥


अमृत पिला ना सके किसी को,

ज़हर पिलाते भी डरना,

धीरज बंधा नहीं सको तो,

घाव किसी के मत करना,

राम नाम की माला ले कर,

सुबह श्याम भजन करना,

पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,

कांटे बन कर मत रहना ॥


भला किसी का कर ना सको तो,

बुरा किसी का मत करना,

पुष्प नहीं बन सकते तो तुम,

कांटे बन कर मत रहना ॥

तर जाएगा ले नाम राम का - भजन (Tar Jayega Le Naam Ram Ka)

तर जाएगा ले नाम राम का,
कहीं बीत ना जाए,

प्राण त्यागने से पहले भीष्म ने क्या कहा था?

सनातन धर्म में भीष्म अष्टमी का दिन अत्यंत शुभ माना गया है। यह महाभारत काल से जुड़ा हुआ है, जिसमें अनेक शिक्षाएं निहित हैं। महाप्रतापी योद्धा भीष्म पितामह को इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त था, जिसके कारण वे अपनी इच्छा से प्राण त्याग सकते थे।

अथ कीलकम् (Ath Keelakam)

कीलकम् का पाठ देवी कवचम् और अर्गला स्तोत्रम् के बाद किया जाता है और इसके बाद वेदोक्तम रात्रि सूक्तम् का पाठ किया जाता है। कीलकम् एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है जो चण्डी पाठ से पहले सुनाया जाता है।

विनायक चतुर्थी के उपाय

हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी का व्रत विशेष महत्व रखता है। यह दिन भगवान गणेश की पूजा को समर्पित है। उन्हें विघ्नहर्ता और शुभ फल प्रदान करने वाला देवता माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करने और कुछ उपाय अपनाने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो सकती हैं और मनचाही सफलता प्राप्त होती है।

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