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हे गोवर्धन गिरधारी, तुझे पूजे दुनिया सारी (Hey Govardhan Girdhari Tujhe Puje Duniya Saari)

हे गोवर्धन गिरधारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी,

तेरी परिक्रमा जो करले,

मिट जाए विपदा सारी,

हे गोवर्धंन गिरधारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी ॥


है सात कोस की परिक्रमा,

बड़ी भारी है इनकी महिमा,

कानो में कुण्डल चमकत है,

ठोड़ी पे हिरा दमकत है,

तेरी झांकी बड़ी मनोहारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी,

हे गोवर्धंन गिरधारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी ॥


आज अन्नकूट का भोग लगा,

तेरा छप्पन भोग क्या खूब सजा,

इतने व्यंजन बनवाए है,

घर घर से सब ले आए है,

करे नृत्य सकल नर नारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी,

हे गोवर्धंन गिरधारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी ॥


कुछ तो माखन को बल बढ्यो,

कुछ ग्वालन करि सहाय,

श्री राधे जु की कृपा ते,

मैंने गिरिवर लियो उठाय,

यूँ बोले मदन मुरारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी,

हे गोवर्धंन गिरधारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी ॥


हे गोवर्धन गिरधारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी,

तेरी परिक्रमा जो करले,

मिट जाए विपदा सारी,

हे गोवर्धंन गिरधारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी ॥

जो विधि कर्म में लिखे विधाता (Jo Vidhi Karam Me Likha Vidhata)

जो विधि कर्म में लिखे विधाता,
मिटाने वाला कोई नहीं,

डमक डम डमरू रे बाजे (Damak Dam Damroo Re Baje)

डमक डम डमरू रे बाजे,
चन्द्रमा मस्तक पर साजे,

वृश्चिक संक्रांति पर विशेष योग

हर संक्रांति में भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, इसलिए इसे संक्रांति कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य भगवान की पूजा करने से धन और वैभव की प्राप्ति होती है

मैया ओढ़ चुनरिया लाल, के बैठी कर सोलह श्रृंगार (Maiya Odh Chunariyan Lal Ke Bethi Kar Solha Shingar)

मैया ओढ़ चुनरिया लाल,
के बैठी कर सोलह श्रृंगार,

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