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मनोज मुंतशिर रचित भए प्रगट कृपाला दीनदयाला रीमिक्स (New Bhaye Pragat Kripala Bhajan By Manoj Muntashir)

श्री राम जानकी कथा ज्ञान की

श्री रामायण का ज्ञान

भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,

कौसल्या हितकारी ।

हरषित महतारी, मुनि मन हारी,

अद्भुत रूप बिचारी ॥


जुग-जुग से हमने पलक बिछायी

तुम्हरी राह बुहारी

तब भाग जागे हैं आज हमारे

आई नाथ सवारी


हनुमान केसरी मात जानकी

सबके साथ बिराजो

लो द्वार खुले हैं आज हृदय के

सबके साथ बिराजो

लो द्वार खुले हैं, आज ह्रदय के

आओ राम विराजो


भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,

कौसल्या हितकारी ।

हरषित महतारी, मुनि मन हारी,

अद्भुत रूप बिचारी ॥


सुख लौटे सारे साथ तुम्हारे

मान हर्षे है रघुनंदन

ये चरण तुम्हारे छूके माटी

अवध की हो गयी चंदन

पग धोने को है, व्याकुल सरयू

कृपा करो अवतारी

भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,

कौसल्या हितकारी ।


भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,

कौसल्या हितकारी ।

हरषित महतारी, मुनि मन हारी,

अद्भुत रूप बिचारी ॥

जिस पर हो हनुमान की कृपा(Jis Par Ho Hanuman Ki Kripa)

जिस पर हो हनुमान की कृपा,
तकदीर का धनी वो नर है,

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के उपाय

हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। मार्गशीर्ष माह में ये पर्व 22 नवंबर को मनाया जा रहा है।

पहले ध्यान श्री गणेश का, मोदक भोग लगाओ (Pehle Dhyan Shree Ganesh Ka Modak Bhog Lagao)

पहले ध्यान श्री गणेश का,
मोदक भोग लगाओ,

कर प्रणाम तेरे चरणों में - प्रार्थना (Kar Pranam Tere Charno Me: Morning Prarthana)

कर प्रणाम तेरे चरणों में लगता हूं अब तेरे काज ।
पालन करने को आज्ञा तब मैं नियुक्त होता हूं आज ॥