नवीनतम लेख

बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया (Brindavan Ka Krishan Kanhaiya Sabki Aankhon Ka Tara)

बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया
सब की आँखों का तारा
मन ही मन क्यों जले राधिका
मोहन तो है सब का प्यारा
॥ बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया..॥

जमना तट पर नन्द का लाला
जब जब रास रचाये रे
तन मन डोले कान्हा ऐसी
बंसी मधुर बजाये रे
सुध-बुध भूली खड़ी गोपियाँ
जाने कैसा जादू डारा
॥ बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया..॥

रंग सलोना ऐसा जैसे
छाई हो घट सावन की
ऐ री मैं तो हुई दीवानी
मनमोहन मन भावन की
तेरे कारण देख बाँवरे
छोड़ दिया मैं ने जग सारा

बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया
सब की आँखों का तारा
मन ही मन क्यों जले राधिका
मोहन तो है सब का प्यारा
जिसने मरना सीखा लिया है (Jisane Marana Seekh Liya Hai)

जिसने मरना सीखा लिया है,
जीने का अधिकार उसी को ।

कार्तिक पूर्णिमा पर धन लाभ

कार्तिक माह सनातन धर्म में अत्यंत शुभ है। इस महीने में श्रद्धालु पवित्र नदियों के किनारे पर समय बिताते हैं या फिर घरों में तुलसी और केले के पौधों की पूजा करते हैं और प्रतिदिन दीप जलाते हैं।

तेरा दर मिल गया मुझको सहारा हो तो ऐसा हो(Tera Dar Mil Gaya Mujhko Sahara Ho To Aisa Ho)

तेरा दर मिल गया मुझको,
सहारा हो तो ऐसा हो ॥

जय भोले शंकर जय गंगाधारी (Jai Bhole Shankar Jai Gangadhari)

जय भोले शंकर जय गंगाधारी,
देवो के देवा हे महादेवा,

यह भी जाने