नवीनतम लेख

दादी के दरबार की, महिमा अपरम्पार (Dadi Ke Darbar Ki Mahima Aprampaar)

दादी के दरबार की,

महिमा अपरम्पार,

हरपल भक्तों के ऊपर,

माँ बरसे तेरा प्यार,

दादी कें दरबार की,

महिमा अपरम्पार ॥


बूढ़े बालक और नर नारी,

माँ के दर पे आते है,

खाली झोली लेकर आते,

भर भर झोली जाते है,

जो मांगो सो मिल जाए,

माँ देने को तैयार,

दादी कें दरबार की,

महिमा अपरम्पार ॥


सारे जग की ये सेठानी,

सब बच्चो की माता है,

देती है चुपचाप सभी को,

पता नहीं चल पाता है,

वो दोनों हाथ लुटाए,

पर भरा रहे भंडार,

दादी कें दरबार की,

महिमा अपरम्पार ॥


जिसके मन में श्रद्धा भक्ति,

मैया लाड़ लड़ाती है,

उसके खातिर बिना बुलाए,

दौड़ी दौड़ी आती है,

ऐसे प्रेमी का घर तो,

है मैया का परिवार,

दादी कें दरबार की,

महिमा अपरम्पार ॥


सच्चे मन से सुमिरन कर ले,

तेरी सुनाई कर लेगी,

मन की पीड़ा माँ से कह दे,

सारे संकट हर लेगी,

क्यों घबराता है ‘बिन्नू’,

तू आ जा माँ के द्वार,

दादी कें दरबार की,

महिमा अपरम्पार ॥


दादी के दरबार की,

महिमा अपरम्पार,

हरपल भक्तों के ऊपर,

माँ बरसे तेरा प्यार,

दादी कें दरबार की,

महिमा अपरम्पार ॥

स्कंद षष्ठी व्रत की पौराणिक कथा

स्कंद षष्ठी व्रत भगवान कार्तिकेय जिन्हें मुरुगन, सुब्रमण्यम और स्कंद के नाम से भी जाना जाता है उनकी पूजा को समर्पित है। यह व्रत मुख्यतः दक्षिण भारत में मनाया जाता है। भगवान कार्तिकेय को युद्ध और शक्ति के देवता के रूप में पूजते हैं।

आता रहा है सांवरा, आता ही रहेगा (Aata Raha Hai Sanwara, Aata Hi Rahega)

आता रहा है सांवरा,
आता ही रहेगा,

धनु संक्रांति सूर्य अर्घ्य में क्या चढ़ाएं

पंचाग के अनुसार साल में 12 संक्रांतियां होती हैं। इन्हीं में से एक धनु संक्रांति है जो इस वर्ष 15 दिसंबर को पड़ रही है। धनु संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं और इसी दिन से खरमास शुरू होता है।

भानु सप्तमी के विशेष उपाय

भानु सप्तमी हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखती है, जो सूर्य देव को समर्पित होती है। इस दिन सूर्य देव की पूजा और उपासना से न केवल जीवन में तेज और ऊर्जा प्राप्त होती है, बल्कि आयु, स्वास्थ्य और समृद्धि में भी वृद्धि होती है।

यह भी जाने