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दया करो हे दयालु गणपति (Daya Karo Hey Dayalu Ganpati)

शरण में आये है हम तुम्हारी,

दया करो हे दयालु गणपति,

सम्भालो बिगड़ी दशा हमारी,

दया करों हे दयालु गणपति ॥


ना हम में बल है ना हम में शक्ति,

ना हम में साधन ना हम में भक्ति,

तुम्हारे दर के है हम भिखारी,

दया करों हे दयालु गणपति,

शरण में आये है हम तुम्हारी,

दया करों हे दयालु गणपति ॥


जो तुम पिता हो तो हम है बालक,

जो तुम हो स्वामी तो हम है सेवक,

जो तुम हो ठाकुर तो हम पुजारी,

दया करों हे दयालु गणपति,

शरण में आये है हम तुम्हारी,

दया करों हे दयालु गणपति ॥


भले जो है हम तो है तुम्हारे,

बुरे जो है हम तो है तुम्हारे,

तुम्हारे हो कर भी हम दुखारी,

दया करों हे दयालु गणपति,

शरण में आये है हम तुम्हारी,

दया करों हे दयालु गणपति ॥


शरण में आये है हम तुम्हारी,

दया करो हे दयालु गणपति,

सम्भालो बिगड़ी दशा हमारी,

दया करों हे दयालु गणपति ॥

होलिका दहन शुभ समय और भद्रा का साया

होली फेस्टिवल होलिका दहन के एक दिन बाद मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इसका विशेष अर्थ है। बता दें कि होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, और कई लोग होलिका दहन को छोटी होली के नाम से भी जानते है।

हे गिरधर गोपाल लाल तू आजा मोरे आँगना (Hey Girdhar Gopaal Laal Tu Aaja More Angana)

हे गिरधर गोपाल लाल तू,
आजा मोरे आँगना,

तुम शरणाई आया ठाकुर(Tum Sharnai Aaya Thakur)

तुम शरणाई आया ठाकुर
तुम शरणाई आया ठाकुर ॥

गोवर्धन पूजन कथा (Govardhan Pujan Katha)

द्वापर युग की बात हैं भगवान कृष्ण के अवतार के समय भगवान ने गोवर्धन पर्वत का उद्धार और इंद्र के अभिमान का नाश भी किया था।

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