नवीनतम लेख

हे गिरधर गोपाल लाल तू आजा मोरे आँगना (Hey Girdhar Gopaal Laal Tu Aaja More Angana)

हे गिरधर गोपाल लाल तू,

आजा मोरे आँगना,

माखन मिशरी तने खिलाऊँ,

और झुलाऊँ पालणा,

हे गिरधर गोपाल लाल तु ॥


मैं तो अर्जी कर सकता हूँ,

आगे तेरी मर्जी है,

आनो हो तो आ साँवरिया,

फेर करे क्यों देरी है,

मुरली की आ तान सुनाना,

चाल ना टेढ़ी चालना,

माखन मिशरी तने खिलाऊँ,

और झुलाऊँ पालणा,

हे गिरधर गोपाल लाल तु ॥


कंचन बरगो थाल सजायो,

खीर चूरमा बाटकी,

दूध मलाई से मटकी भरी है,

आजा जिमले ठाट की,

तेरी ही मर्जी के माफिक,

खाना हो सो खावना,

माखन मिशरी तने खिलाऊँ,

और झुलाऊँ पालणा,

हे गिरधर गोपाल लाल तु ॥


धन्ना भगत ने तुझे बुलाया,

रूखा सूखा खाया तू,

करमा बाई लाई खीचड़ो,

रूचि रूचि भोग लगाया तू,

मेरी बार क्यों रूठ के बैठ्यो,

भाई ना मेरी भावना,

माखन मिशरी तने खिलाऊँ,

और झुलाऊँ पालणा,

हे गिरधर गोपाल लाल तु ॥


हे गिरधर गोपाल लाल तू,

आजा मोरे आँगना,

माखन मिशरी तने खिलाऊँ,

और झुलाऊँ पालणा,

हे गिरधर गोपाल लाल तु ॥


सारा बरसाना तेरा दीवाना हुआ(Sara Barsana Tera Deewana Hua)

तेरी मुरली की धुन,
हमने जबसे सुनी,

कर प्रणाम तेरे चरणों में - प्रार्थना (Kar Pranam Tere Charno Me: Morning Prarthana)

कर प्रणाम तेरे चरणों में लगता हूं अब तेरे काज ।
पालन करने को आज्ञा तब मैं नियुक्त होता हूं आज ॥

गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो(Gira Ja Raha Hu Utha Lo)

प्रभु अपने दर से, अब तो ना टालो,
गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो,

किस दिन है चंपा षष्ठी का व्रत

चंपा षष्ठी का पर्व भारत के प्राचीन त्योहारों में से एक है, जो विशेष रूप से भगवान शिव के खंडोबा स्वरूप और भगवान कार्तिकेय की पूजा के लिए समर्पित है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को यह व्रत मनाया जाता है।

यह भी जाने