नवीनतम लेख

दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से (Dinanath Meri Baat Chani Koni Tere Se)

दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से

दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से

आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से

आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से


दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से

आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से


खाटू वाले श्याम तेरी शरण में आ गयो

श्याम प्रभु रूप तेरो नैणां में समां गयो

बिसरावे मत बाबा, हार मानी तेरे से

आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से


दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से

आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से


बालक हूँ मैं तेरो श्याम, मुझको निभायले

दुखड़े को मारयो मन, कालजे लगायले

पथ दिखलादे बाबा, काढ़ दे अँधेरे से

आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से


दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से

आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से


मुरली अधर पे, कदम तल झूमे हैं

भक्त खड़ा तेरे चरणां ने चूमे हैं

खाली हाथ बोल कया, जाऊ तेरे-नेरे से

आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से


दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से

आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से


खाओ हो थे खीर चूरमो लीले ऊपर घूमो हो

सेवका न बाबा थे क़द्दे ही कोनी भूलो हो

टाबरियाँ की झोली भर भेजो थारे डेरे से

आँखडली चुरा के बाबा जासी कठे मेरे से


दीनानाथ मेरी बात छानी कोनी तेरे से

आँखडली चुराकर बाबा जासी कठे मेरे से

नफरत की दुनिया में, हो गया जीना अब दुश्वार(Nafrat Ki Duniya Mein Ho Gaya Jeena Ab Dushwar)

नफरत की दुनिया में,
हो गया जीना अब दुश्वार,

जिसकी लागी रे लगन भगवान में (Jiski Lagi Re Lagan Bhagwan Mein)

जिसकी लागी रे लगन भगवान में,
उसका दिया रे जलेगा तूफान में।

विजया एकादशी का व्रत फरवरी 2025

विजया एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व है।

यह भी जाने