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गणपति करते चरणों में हम है नमन (Ganpati Karte Charno Mein Hum Hai Naman)

गणपति करते चरणों में हम है नमन,

करे पूजा तुम्हारी सब हो के मगन,

शिव गौरा के लाल को ध्याते है हम,

हे गणपति तुमको मनाते है हम,

गणपति करते चरणो में हम है नमन,

करे पूजा तुम्हारी सब हो के मगन ॥


बड़ी सुन्दर निराली तुम्हारी छवि,

बोलेगी ये मूरत लगे है अभी,

गणपति करते चरणो में हम है नमन,

करे पूजा तुम्हारी सब हो के मगन ॥


शीश सुन्दर मुकुट गणपति के सजा,

रूप ऐसा है भक्तो पे जादू करा,

गणपति करते चरणो में हम है नमन,

करे पूजा तुम्हारी सब हो के मगन ॥


करे आरती वंदन करे हम भजन,

आपके नाम से ही लगा ली लगन,

गणपति करते चरणो में हम है नमन,

करे पूजा तुम्हारी सब हो के मगन ॥


भोग मोदक का ही देवा भाये तुम्हे,

भक्त हाथों से अपने खिलाए तुम्हे,

गणपति करते चरणो में हम है नमन,

करे पूजा तुम्हारी सब हो के मगन ॥


अपने भक्तो के देवा तुम कष्ट हरो,

विनती है सदा ही तुम किरपा करो,

गणपति करते चरणो में हम है नमन,

करे पूजा तुम्हारी सब हो के मगन ॥


गणपति करते चरणों में हम है नमन,

करे पूजा तुम्हारी सब हो के मगन,

शिव गौरा के लाल को ध्याते है हम,

हे गणपति तुमको मनाते है हम,

गणपति करते चरणो में हम है नमन,

करे पूजा तुम्हारी सब हो के मगन ॥

आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा (Aa Maan Aa Tujhe Dil Ne Pukaara)

आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा ।
दिल ने पुकारा तू है मेरा सहारा माँ ॥

रूक्मिणी-श्रीकृष्ण के विवाह से जुड़ी कथा

पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है, जो इस साल 22 दिसंबर को पड़ रही है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण की पहली पत्नी देवी रुक्मिणी के जन्म की याद में मनाया जाता है।

बंसी बजाय गयो श्याम (Bansi Bajaye Gayo Shyam)

बंसी बजाय गयो श्याम,
मोसे नैना मिलाय के,

म्हारी झुँझन वाली माँ, पधारो कीर्तन में(Mhari Jhunjhan Wali Maa Padharo Kirtan Me)

म्हारी झुँझन वाली माँ,
पधारो कीर्तन में,

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