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हे शिव भोले भंडारी(Hey Shiv Bhole Bhandari)

हे शिव भोले भंडारी,

मैं आया शरण तिहारी,

हे शिव भोलें भंडारी,

मैं आया शरण तिहारी ॥


बाघम्बर तेरे अंग पर सोहे,

हाथ में तिरशूल भारी,

भूत पिशाच नृत्य करे संग में,

नाचे दे दे ताली,

हे शिव भोलें भंडारी,

मैं आया शरण तिहारी ॥


डम डम डमरू बजाए,

नंदी की सवारी,

विष को पीकर क्षण में शिव ने,

देवो की विपदा टारि,

हे शिव भोलें भंडारी,

मैं आया शरण तिहारी ॥


उमा रमण शम्भू त्रिपुरारी,

भव भय भंजनहारी,

इस विरले दानी की महिमा,

गावे सब नर नारी,

हे शिव भोलें भंडारी,

मैं आया शरण तिहारी ॥


‘दामोदर’ की विनती यही है,

काटो विपदा हमारी,

कष्ट मिटा जग के तुम कर दो,

घर घर में खुशयारी,

हे शिव भोलें भंडारी,

मैं आया शरण तिहारी ॥


हे शिव भोले भंडारी,

मैं आया शरण तिहारी,

हे शिव भोलें भंडारी,

मैं आया शरण तिहारी ॥

श्री शनि चालीसा (Shri Shani Chalisa)

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।
दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥

हमें निज धर्म पर चलना सिखाती रोज रामायण (Hame Nij Dharm Par Chalna Sikhati Roj Ramayan)

हमें निज धर्म पर चलना,
सिखाती रोज रामायण,

हरिहर की पूजा कैसे करें?

सनातन धर्म में हरिहर में हरि से आश्य है भगवान विष्णु और हर यानी कि भगवान शिव। दोनों एक दूसरे के आराध्य हैं। इनकी पूजा करने से व्यक्ति का भाग्योदय होता है और जातकों को उत्तम परिणाम मिलते हैं।

देवता भी स्वार्थी थे, दौड़े अमृत के लिए (Dewata Bhi Swarthi The, Daude Amrat Ke Liye)

देवता भी स्वार्थी थे,
दौड़े अमृत के लिए,

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