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जय बोलो जय बोलो जय हनुमान की (Jai Bolo Jai Bolo Jai Hanuman Ki)

जय बोलो जय बोलो जय हनुमान की,

संकट मोचन करुणा दयानिधान की,

हनुमान की जय विद्यावान की जय,

शक्तिमान की जय हनुमान की जय,

जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की ॥


अहिरावण की भुजा उखाड़ी,

सुरसा इनसे हारी हो,

असुरो की वो सेना इनसे,

लड़के नरक सिधारी,

रोती थी जब राम विरह में,

रोती थी जब राम विरह में,

सिता जनक दुलारी,

लंका जा उन्हें धीर बंधाया,

करके कोतुक भारी,

जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की,

संकट मोचन करुणा दयानिधान की,

हनुमान की जय विद्यावान की जय,

शक्तिमान की जय हनुमान की जय,

जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की ॥


मंगलकारी हनुमान जी,

करते सबका मंगल हो,

पाप का ताप मिटाके पल में,

तन मन करते शीतल,

झूठ कपट का मेल मिटाकर,

झूठ कपट का मेल मिटाकर,

करते आत्मा निर्मल,

रामचन्द्र के भक्त बने ये,

भाये ना इनको छल बल,

जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की,

संकट मोचन करुणा दयानिधान की,

हनुमान की जय विद्यावान की जय,

शक्तिमान की जय हनुमान की जय,

जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की ॥


जय बोलो जय बोलो जय हनुमान की,

संकट मोचन करुणा दयानिधान की,

हनुमान की जय विद्यावान की जय,

शक्तिमान की जय हनुमान की जय,

जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की ॥

फूल भी न माँगती, हार भी न माँगती (Phool Bhi Na Mangti Haar Bhi Na Mangti)

फूल भी न माँगती,
हार भी न माँगती,

सोना चांदी हिरे मोती - भजन (Sona Chandi Heera Moti)

सोना चांदी हिरे मोती,
रंगले बंगले महल चौबारे ॥

बड़ी देर भई नंदलाला (Badi Der Bhai Nandlala)

बड़ी देर भई नंदलाला,
तेरी राह तके बृजबाला ।

क्यों खास है डोल पूर्णिमा

डोल पूर्णिमा का त्यौहार मुख्य रूप से बंगाल, असम, त्रिपुरा, गुजरात, बिहार, राजस्थान और ओडिशा में मनाया जाता है। इस दिन राधा-कृष्ण की मूर्ति को पालकी पर बिठाया जाता है और भजन गाते हुए जुलूस निकाला जाता है।

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